सरकारी बेतन लेने के बाद पढ़ाई छोड़ कर शिक्षक करते है महिला मित्रो से प्रेमालाप
अमुरा प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने खोला शिक्षक के कृत्य का राज
नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक का हुआ नैतिक पतन तो कैसे छात्रों का सँवरे गा भविष्य
कौशांबी। परिषदीय विद्यालयों की गिरती शिक्षा व्यवस्था के कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का भविष्य चौपट हो चुका है और प्रदेश सरकार से मोटा वेतन लेने वाले अध्यापकों का नैतिक पतन इस कदर हो गया है कि स्कूल में छोटे छोटे छात्रों के सामने वह आपने महिला मित्रो से हंसते-बोलते मजाक करते मोबाइल फोन पर देखे सुने जाते हैं। जिसका सीधा असर स्कूली छात्र छात्राओं के जीवन पर पड़ रहा है। शिक्षक के इस कृत्य को स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं हंसकर स्वीकार भी कर रहे हैं।
राज्य सरकार से मोटा वेतन लेने वाले परिषदीय स्कूल के अध्यापकों के स्कूल आने जाने का कोई समय निश्चित नहीं रह गया है। जब मर्जी हुई काम चोर शिक्षक स्कूल पहुंच गए और जब मर्जी हो गई तो बाइक स्टार्ट की और काम चोर शिक्षक स्कूल से गायब हो गए। जिससे परिषदीय स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।
हकीकत जानने के लिए मंझनपुर विकासखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय अमुरा का बुधवार को जनसंदेश टाइम्स टीम ने निरीक्षण किया प्राथमिक स्कूल अमुरा पहुंचने पर देखा गया कि स्कूल के मैदान में लगभग 2 दर्जन छात्र छात्राएं बस्ता लेकर मैदान में टहल टहल कर अध्यापक के आने का इंतजार कर रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय अमुरा के सभी कक्ष में ताला बंद है और 9:00 बजे खुलने वाले इस स्कूल में 9:30 बजे तक अध्यापक नहीं पहुंच सके हैं। एक भी अध्यापक आधा घंटा विलंब तक स्कूल नहीं पहुंचा है। जिससे शिक्षण कार्य बाधित था लगभग 10:00 बजे एक अध्यापक स्कूल पर आते हैं। और जब उनसे विलंब में आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बड़े ही गर्म जोशी लहजे में कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी उनके रिश्तेदार हैं और उनकी जब मर्जी होगी तब स्कूल पहुंचेंगे उन्हें शासन प्रशासन शिक्षा अधिकारियों का तनिक भी भय नहीं है।
नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले इन शिक्षकों ने अपनी नैतिकता खूंटी पर टांग दी है अमुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक पर आरोप है कि स्कूल में छात्रों को पढ़ाने में वह मन नही लगाते हैं। बल्कि सरकार का बेतन लेने के बाद अपने महिला मित्रो से पूरे दिन मोबाइल में हंस-हंस कर प्रेमालाप की बात करते हैं।
ऐसे कृत्य करने वाले स्कूल के अध्यापक की निंदा स्कूल के छोटे-छोटे छात्रों ने भी की है। लेकिन अध्यापक की बेशर्मी की हद यह है कि इस अध्यापक के बेशर्मी के कृत उजागर हो जाने के बाद भी अध्यापक को शर्म नहीं आती और स्कूल के छोटे-छोटे छात्र-छात्राओं के सामने अपने महिला सहकर्मी मित्र से मोबाइल पर हंस-हंसकर अश्लील बातें करते हैं। इलाके के लोगों ने ऐसा करने वाले कामचोर अध्यापक को निलंबित करने की मांग शासन प्रशासन से की है। प्रेमालाप में पूरे समय लिप्त रहने वाले इस अध्यापक के कृत्य पर छुट्टी पर होने के चलते बीएसए से बात नही हो सकी। वही बार-बार फोन लगाने के बाद भी खण्ड शिक्षा अधिकारी से बात नही हुई।
सुशील केसरवानी
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