गुरुवार, 7 नवंबर 2019

प्रदूषण को बढ़ावे में आविप की बड़ी हिस्सेदारी

अकाशुं उपाध्याय
गाजियाबाद। मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों का पिछले तीन वर्षों से चल रहा धरना जारी रहा । गौरतलब है कि गत दिनों बढ़ते प्रदूषण व आवास विकास परिषद द्वारा अधिग्रहित जमीन को अस्थाई डंपिंग ग्राउंड बनाने व इसमें हजारो टन इलेक्ट्रिक अनुपयोगी प्लेटो का भंडारण कराकर आग के हवाले करने का किसानों ने विरोध किया था। परिषद के भृष्ट अधिकारियों ने चन्द पैसो के लालच में जिला गाजियाबाद व लोनी तहसील को प्रदूषण फैलाने के लिए बदनाम कराने में अहम भूमिका निभाई । 
किसानों के प्रदर्शन के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ज्वलन्त समस्या की ओर आकर्षित हुआ तो इस कचरे का यहाँ पर आना व आग के हवाले करना ही नही रुका बल्कि खुद जिलाधिकारी ने इन इलेक्ट्रिक प्लेटो के अवैध कारोबार में लिप्त कारोबारियों के दर्जनों गोदाम ध्वस्त किये व जुर्माना भी लगाया ।
इस समस्या को लेकर दिनांक 29/10/2019 को किसानों द्वारा आवास विकास परिषद के कार्यालय के गेट पर e कचरा डालकर  प्रदर्शन किया गया था तो SDM लोनी प्रशांत तिवारी भी मौके पर पहुँचे ओर किसानों को दो दिन में योजना में पड़ा सारा कचरा उठवाए जाने व दोषी अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही करने का अस्वासन दिया तो किसानों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया । लेकिन इस कचरे को योजना में डलवाने पर किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाप कार्यवाही नही की गई और न ही इस कचरे को उठवाकर योजना से बाहर भेजा गया इस सम्बंध में जब धरनारत किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल उपजिलाधिकारी से मिला तो तो कचरा उठाये जाने में किसी भी कारण से विलम्ब होने की स्थिति में कचरे को कार्यालय के समीप इकठ्ठा कराने पर सहमति बनी ओर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की बात भी SDM लोनी ने कही थी । लेकिन प्रदूषण फैलाने व e कचरे का भंडारण कराने के दोषियों के खिलाप कार्यवाही नही किये जाने से किसानों ने नाराजगी प्रकट करते हुए निर्णय लिया कि जैसे ही योजना में जगह जगह पड़ी इलेक्ट्रिक प्लेट परिषद कार्यालय के समीप आ जाएंगी तो धरनारत किसान परिषद कार्यालय के अंदर बैठकर भजन कीर्तन करेंगे और अपनी गिरफ्तारी देंगे परिषद के अधिकारियों ने अपनी जमीन के उचित मुआवजे के मांग को लेकर मंडोला समेत 6 गांव के किसान जो कि गांधीवादी तरीके अपनाकर तीन वर्षों से शांतिपूर्वक सत्याग्रह कर रहे हैं परिषद के अधिकारियों ने गत वर्षों में सैकड़ो सत्याग्रही किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराये हैं लेकिन जिन्होंने चन्द पैसो के लालच में कई ग्रामीणों की जान ले ली व सैकड़ो को अस्पताल में भर्ती करा दिया उनके खिलाप मुकदमा दर्ज नही किया गया है । जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाप मुकदमा दर्ज नही हो जाएगा गिरफ्तारी देने का क्रम रोजाना जारी रहेगा।
जिन किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं उनके साथ ही अन्य किसान भी अपनी गिरफ्तारी देंगे । कई अन्य संगठन व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी किसानों के साथ ही गिरफ्तारी देने के लिए किसान सत्याग्रह संयोजक मंडल सदस्यों से सम्पर्क किया है।


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