मनोज यादव
कोरबा ! रखरखाव कंपनी पर आरोप अनुचित, रखरखाव के अनुसार व्यवस्था बनाना और उसको संचालित रखना। यह प्राधिकृत संस्था का दायित्व है ना कि किसी रखरखाव कंपनी का। इस प्रकार की लापरवाही अधिकारियों की कर्तव्यनिष्ठा पर प्रश्न-चिन्ह अंकित करती है। उसी का अभाव जनमानस के प्राणों का संकट बन सकता है। इस प्रकार की लापरवाही जनविरोधी धारणा को प्रबल करते हैं। हसदेव ताप विद्युत दर्री संयंत्र से डंगनिया राखड़ बांध तक जा रही, राखड़ पाइपलाइन वन-विभाग द्वारा रोपे गए, कीमती औषधीय-उद्यान फर्टिलाइजर के पास फूटा पाया गया ! राखड़ की फुहार से कीमती औषधि-वृक्षों को काफी क्षति पहुंची है! हसदेव ताप विद्युत संयंत्र प्रबंधन और पाइपलाइनों के रखरखाव में लगी ठेका कम्पनी की लापरवाही सामने आयी !
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