शनिवार, 23 नवंबर 2019

'निकाय चुनाव' बैलट पेपर में पहली बार 'नोटा'

रायपुर। पार्षद बनकर राजनीति की शुरुआत करने जा रहे प्रत्याशियों के सामने अपने ही वार्ड में नकारे जाने का खतरा हो गया है। अगले माह होने जा रहे निकाय चुनावों में छत्तीसगढ़ में पहली बार मतपत्रों नोटा का इस्तेमाल होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ईव्हीएम की तरह तरह बैलेट पेपर पर भी नोटा का ऑप्शन रखेगा। पहली बार साल 2013 के चुनाव में लोगों ने ईव्हीएम में नोटा का उपयोग किया था। राज्य सरकार ने इस साल दिसंबर में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव बैलेट पेपर का निर्णय लिया है।


बैलेट पेपर के साथ मतपेटियों का उपयोग भी किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग केन्द्रीय चुनाव आयोग की तर्ज पर इस बार यह प्रयोग करने जा रहा है। दूसरी आेर बैलेट पेपर में नाेटा रखे जाने से पार्षद चुनाव में जीत का अंतर काफी कम रह जाएगा क्योंकि बड़े निगमों को छोड़ दें तो लगभग सभी निकायों में वार्डों की जनसंख्या 15 सौ से 15 हजार तक ही है। इसमें भी जीत का हार अंतर 300 से 1200 तक का होता है। यदि अब मतदाताआें के पास नोटा का ऑप्शन भी रहेगा तो निश्चित ही जीत का का अंतर काफी कम हो सकता है। इसके अलावा कहीं-कहीं पर तो जीत-हार के अंतर से ज्यादा नोटा को भी मिल सकते हैं।


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