बुधवार, 13 नवंबर 2019

मालिक की अर्थी के पीछे श्मशान आई 'गाय'

विकास जायसवाल


बारां। पालतू जानवर अपने मालिक को खूब पहचानते हैं। उनके बीच एक भावनात्मक रिश्ता होता है। ऐसा ही एक भावुक दृश्य बारां शहर में गुरुवार को देखने को मिला। अपने मालिक की मौत से मायूस एक गाय अर्थी के पीछे-पीछे श्मशान घाट तक पहुंची। वो वहां तब तक खड़ी रही, जब तक चिता पूरी तरह नहीं जल गई। इस दौरान लोगों ने गाय की आंखों से आंसू टपकते देखे। गाय लगातार जलती हुई चिता को देख रही थी। वो एकदम शांत खड़ी रही। लोगों ने भी उसे वहां से हटाने की कोशिश नहीं की।



अपने हाथों से रोज रोटी खिलाता था मालिक


भावुक करने वाली यह कहानी तलावड़ा गांव की है। यहां रहने वाले लक्ष्मीनारायण का गुरुवार को निधन हो गया था।उन्होंने कुछ साल पहले एक गाय खरीदी थी। यह गाय कई साल तक उनके साथ रही। इसके बाद उसकी मौत हो गई। हालांकि उसने एक बछिया दी थी। इसकी उम्र अब करीब 4 साल बताई जाती है। इस बछिया से लक्ष्मीनारायण को बड़ा स्नेह था। वे रोज उसके साथ थोड़ा वक्त गुजारते थे। उसे दुलारते और रोटी खिलाते।


घंटों चिता के पास खड़ी रही गाय


गांव के लोगों ने बताया कि गुरुवार को जब लक्ष्मीनारायण का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब गाय श्मशान घाट पर मौजूद रही। यहां तक कि लोग नहा-धोकर अपने-अपने घर चले गए, लेकिन गाय श्मशान से नहीं हटी। वो कुछ घंटे वहीं खड़ी रही। फिर लोग उसे वापस ले आए। अपने मालिक की मौत के बाद से गाय मायूस है।गांव के लोगों ने बताया कि गुरुवार को जब लक्ष्मीनारायण का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब गाय श्मशान घाट पर मौजूद रही। यहां तक कि लोग नहा-धोकर अपने-अपने घर चले गए, लेकिन गाय श्मशान से नहीं हटी। वो कुछ घंटे वहीं खड़ी रही। फिर लोग उसे वापस ले आए। अपने मालिक की मौत के बाद से गाय मायूस है।


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