रायपुर। छत्तीसगढ़ में राशन दुकानों को तिरंगे के रंग में रंगने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। राज्य सरकार ने पीडीएस की सभी दुकानों को एक रूपता में रखने का हवाला देकर उसे महीने भर के भीतर रंगने का निर्देश दिया है। राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की दलील है कि पीडीएस दुकानों को तिरंगे के रंग में रंगने से नागरिक एक नजर में पहचान जाएंगे की यह उचित मूल्य की दूकान है। मंत्री के निर्देश के बाद खाद्य विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों को पीडीएस की दुकानों को तिरंगे की तर्ज पर तीन रंगो में रंगने के निर्देश का प्रारूप भेजा है। सरकारी निर्देशों में इसके साथ ही उन दुकानों में सीसी टीवी कैमरे लगाने, साफ़ सफाई, पेय जल और सुरक्षा के सभी इंतजाम एक माह के भीतर पूरे करने के लिए कहा गया है। कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर बीजेपी आग बबूला है। उसे पूरी तरह से इसमें राजनीति की बू आ रही है। उसके तमाम नेताओ ने आरोप लगाया है कि रंगाई पुताई की आड़ में कांग्रेस पार्टी इन दुकानों में अपना झंडा लगा रही है।
छत्तीसगढ़ में रंगाई पुताई को लेकर राजनीति तेज हो गयी है। इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने है। राज्य की पी.डी.एस. की दुकानों में साफ़ सफाई, सुरक्षा और सीसी टीवी कैमरे लगाने के फैसले को बेहतर माना जा रहा है, लेकिन इन दुकानों को तिरंगे के रंग में रंगना बीजेपी को रास नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस फैसले पर कडा एतराज जहरी करते हुए आरोप लगाया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कांग्रेसीकरण किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि राशन दुकानों को तिरंगे के रंग में रंग कर आखिर मुख्यमंत्री क्या साबित करना चाहते है ? रमन सिंह ने कहा कि इन दुकानों को कांग्रेस पार्टी के साथ जोड़ कर की जा रही राजनीति का वो हर स्तर पर विरोध करेंगे। उधर विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी राज्य सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी है कि काम काज से उनकी पहचान होनी चाहिए ना कि पीडीएस की दुकानों की रंगाई पुताई से, उन्होंने कहा कि इन दुकानों को पॉलिश करने से लोगो का दिल जीता नहीं जा सकता है, बल्कि अच्छे काम करने से जनता का समर्थन प्राप्त होगा।
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