नई दिल्ली। गृह मंत्रालय की ओर वीवीआईपी सुरक्षा में कटौती किए जाने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को बिना एसपीजी सुरक्षा के संसद पहुंचीं। कांग्रेस ने राज्यसभा में गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे को उठाया। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नेताओं की सुरक्षा का मुद्दा पक्षपात और राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
इस पर जेपी नड्डा ने कहा कि खतरे का आकलन करने के बाद ही गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला किसी राजनीतिक पार्टी या नेता का नहीं है, बल्कि गृह मंत्रालय का है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि सुरक्षा नहीं हटाई गई है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय का पैटर्न और प्रोटोकॉल तय है, किसी नेता नहीं गृह मंत्रालय के द्वारा खतरे का आकलन कर सुरक्षा दी या हटाई जाती है।
मालूम हो कि गृह मंत्रालय द्वारा समीक्षा के बाद गांधी परिवार की सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा से भी एसपीजी कवर हटा लिया गया है। इन नेताओं को सीआरपीएफ की जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है। सीआरपीएफ के अनुसार, गांधी परिवार को एडवांस सिक्यॉरिटी लायजन (एएसएल) प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा दी गई है। सीआरपीएफ इसके लिए नई बटालियन बनाएगी।
लोकसभा में भी उठाया था मुद्दा, कांग्रेस ने किया था हंगामा
गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के विरोध में कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार को लोकसभा में भी हंगामा किया था। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए थे, जिसके बाद डीएमके के सदस्यों ने भी कांग्रेस का समर्थन किया था। कांग्रेस और डीएमके के सदस्यों ने 'बदले की राजनीति बंद करो', 'एसपीजी के साथ राजनीति करना बंद करो' और 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाए थे।
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