लखनऊ ! उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 डिप्टी एसपी रैंक के 7 आईपीएस पुलिस अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है । उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के 7 ऐसे पुलिस उपाधीक्षकों या सहायक सेनानायकों जिनकी उम्र 31 मार्च 2019 को 50 वर्ष पार कर गई है, उन्हें अनिवार्य रूप से रिटायर करने का फैसला किया गया है । स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया है । कमेटी ने भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोपों को आधार पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की संस्तुति की थी ।
गृह विभाग के आदेश के अनुसार 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, फैजाबाद में तैनात पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार गुप्ता, आगरा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मंडलाधिकारी संतोष कुमार सिंह और 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है । इन अफसरों के विरुद्ध लघु दंड, वृहद दंड, अर्थदंड, परिनिन्दा, सत्यनिष्ठा अप्रमाणित किए जाने, वेतनवृद्धि रोके जाने और वेतनमान निम्न स्तर पर किए जाने जैसी कार्रवाइयां पूर्व में ही हो चुकी हैं ।
बता दें कि पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार विभिन्न विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है | इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं | इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं | गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किए गए थे | बिजली विभाग इंजीनियरों और कर्मचारियों के ईपीएफ में करीब 2267.90 करोड़ के घोटाले के बाद विपक्ष के निशाने पर आई उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है | मिली जानकारी के मुताबिक, अभी और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है | बताया जा रहा है कि 24 और अधिकारियों की फाइल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है | जल्द ही इन अधिकारियों को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा |
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