देहरादून। आस्था के मानक बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार शाम करीब सवा 5 बजे बंद कर दिए जाएंगे। कपाट के बंद होने से पहले यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। विदित हो कि अलकनंदा नदी के किनारे स्थित यह हिन्दू धर्म के चार धामों में शुमार है। यहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में रहते हैं और 6 माह जागते हैं। बद्रीनाथ मंदिर को बदरीनारायण मंदिर भी कहते हैं, जो कि अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के रूप बद्रीनाथ को समर्पित है। यह हिन्दुओं के चार धाम में से एक धाम भी है। मंदिर में नर-नारायण विग्रह की पूजा होती है, यहां अखण्ड दीप जलता है, जो कि अचल ज्ञानज्योति का प्रतीक है। बद्रीनाथ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई, तो यह 12 धाराओं में बंट गई। इस स्थान पर मौजूद धारा अलकनंदा के नाम से विख्यात हुई और यह स्थान बद्रीनाथ, भगवान विष्णु का वास बना। भगवान विष्णु की प्रतिमा वाला वर्तमान मंदिर 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसका निर्माण कराया था।
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