नई दिल्ली। करतारपुर गलियारा शुरू होने के बाद पहले तीन दिन में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक केवल एक हजार लोग गए हैं। लोगों का मानना है कि ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी का अभाव, पासपोर्ट की जरूरत और पाकिस्तान की ओर से करीब 1600 रुपये (20 डॉलर) का सेवा शुल्क वसूला जाना इसके लिए जिम्मेदार है। लोगों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान जाने के बाद अमेरिका और अन्य देशों का वीजा नहीं मिलने के डर के कारण भी लोग और विशेष कर युवा वहां बड़ी तादाद में नहीं जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौ नवंबर को किए गए इस गलियारे के भव्य उद्घाटन के बाद शुरुआती तीन दिन में केवल 897 श्रद्धालु करतारपुर गलियारे के माध्यम से करतारपुर साहिब गए हैं। इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर एक आव्रजन अधिकारी ने यहां बताया कि 10, 11 और 12 नवंबर को क्रमश: 229, 122 और 546 श्रद्धालु करतारपुर गए हैं। ये उन संख्याओं से काफी कम हैं, जिन पर भारत और पाकिस्तान सहमत हुए थे। दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था कि रोज पांच हजार श्रद्धालु ऐतिहासिक गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए सीमा पार कर सकते हैं।
बुधवार, 13 नवंबर 2019
3 दिन में केवल एक हजार श्रद्धालु पहुंचे
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