सोमवार, 11 नवंबर 2019

14 गायों की मौत पर प्रशासन मौन क्यों

दुर्ग। सीएम भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग में 14 गायों की मौत से हड़कंप मच गया है। लेकिन अभी तक सरकारी महकमा गहरी नींद में सोया हुआ है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि अगर सरकार नरवा गरुआ घुरवा और बाड़ी को ड्रीम प्रोजेक्ट मानती है और गरवा प्रोजेक्ट पर पायलट प्रोजेक्ट की तरह काम करना चाहती है तो ऐसे में सीएम के जिले में ही 14 गायों की मौत के बाद भी अधिकारी क्यों गहरी नींद में है ।
दरअसल मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला रिसाली क्षेत्र के दशहरा मैदान का है जहां खुले में पड़े भोजन को खाने से अचानक गायों की तबीयत खराब होने लगी और रविवार को 5 और सोमवार को सुबह 9 गायों की मौत हो गई अभी तक आंकड़ा 14 पहुंच चुका है.जानकारों का कहना है कि आंकड़ा आगे भी बढ़ सकता है ।वहीं नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं । आपको बता दें कि नगर निगम भिलाई ने बकायदा निर्देश भी जारी किया है कि अगर कहीं सार्वजनिक जगहों पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में 100 लोगों से अधिक के लिए खाना बनता है उसके लिए बकायदा नगर निगम भिलाई से अनुमति की जरूरत होती है ऐसे में सवाल खड़े होता है कि आखिर आयोजन कर्ताओं ने अनुमति ली थी या नहीं ।
बहरहाल जो भी हो लेकिन अब गायों की मौत के बाद गायों के शव को नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी डिस्पोज करने में जुट गए हैं और इस पर किसी भी कार्रवाई से अभी तक बच रहे हैं ।दरअसल हुआ ये की भिलाई इस्पात संयंत्र के क्षेत्र में पडऩे वाले रिसाली दशहरा मैदान में आदर्श सांस्कृतिक मंच द्वारा खाटू श्याम महाराज की भागवत कथा का आयोजन किया गया था। जिसमें भंडारे के कार्यक्रम के बाद बचा खाना खुले में फेंक दिया गया था। जिसे खाने से रविवार को 5 और सोमवार को 9 गायों की मौत हुई। आज सुबह तक कुल 14 गायों की मौत हो चुकी है।


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