नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली विधानसभा का एक महत्व है। इस विधानसभा ने विधायी मामलों में तमाम मानक कायम किए हैं और देश के विधानमंडलों में एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन दिल्ली के विधायी इतिहास में पहली बार विधानसभा के अध्यक्ष को जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा।
दिल्ली की एक अदालत ने राजधानी के विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को दोषी करार देते हुए 6 महीने की सजा सुनाई है। साथ ही दिल्ली के रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने रामनिवास गोयल के साथ-साथ उनके बेटे सुमित गोयल समेत 5 लोगों को 6-6 महीने की सजा सुनाई है और एक-एक हजार का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार यह मामला 2015 में विधानसभा चुनाव के समय का है।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भाजपा से जुड़े और लोकल बिल्डर मनीष घई ने गोयल के खिलाफ मतदान से एक दिन पहले, 6 फरवरी की रात अपने विवेक विहार स्थित घर में अपने समर्थकों के साथ जबरन घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल को मारपीट के मामले में आईपीसी की धारा 448 के तहत दोषी करार दिया। जबकि उनके बेटे सुमित गोयल को धारा 323 यानी मारपीट करने के मामले में दोषी ठहराया गया है।
कौन हैं रामनिवास गोयल
राम निवास गोयल उत्तरी दिल्ली के शाहदरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जहां उन्होंने बीजेपी के जितेंद्र सिंह शंटी को 11 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। जिसके बाद उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया।
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