लखनऊ। पुलिस सिर्फ चालान काटने का लक्ष्य न बनाए। सबसे ज्यादा घातक शराब पीकर गाड़ी चलाना है। यदि कोई व्यक्ति शराब पीकर वाहन चलाए तो उसके लाइसेंस के साथ वाहन भी जब्त कर लें। पुलिस का लक्ष्य होना चाहिए कि वाहन चालकों को जागरूक करें, जिससे प्रदेश में सड़क हादसों में हो रही मौतों को कम किया जा सके। ये मौतें तक कम होंगी जब शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या शून्य पर पहुंच जाय। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कही। वह सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर अपने सरकारी आवास पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बाइक रैली को हरी झंडी भी दिखाई।
उन्होंने कहा आमजन को जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। यह किसी एक विभाग के कार्यक्रम द्वारा चलाने से सफल नहीं हो सकता है। इसमें इससे जुड़े सभी विभागों का समन्वय होना चाहिए। इसके साथ ही आमजन की सहभागिता भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम स्वयं की सुरक्षा के लिए यातायात के नियमों का पालन करें।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग से यातायात के नियमों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यदि पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाएगा तो इससे बच्चे खुद जागरूक हो जाएंगे। इससे यातायात के प्रति लोगों को जागरूक करने में काफी सहायता मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिवहन और पुलिस स्कूल-कॉलेजों में गोष्ठी कर बच्चों और अभिभावकों को यातायात के नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दें। स्वास्थ्य विभाग भी अपना दायित्व निभाए। किसी दुर्घटना के बाद रिस्पांस टाइम काफी कम हो, इससे हम जनहानि कम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन विस्तार से होना चाहिए, जिससे हर घर तक जागरूकता का दीप जल सके और जन हानियों में कमी आये। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि प्रति वर्ष ड्राइविंग लाइसेंस रिनीवल होना चाहिए। हम एक तरफ जागरूकता कार्यक्रम करें, वहीं जो लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ सख्ती भी दिखाएं।
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