पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखण्ड पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद कप प्लेट, उगता सूरज, कलम दवात, कुल्हाड़ी, केतली, गमला खुशी के मारे झूम रहे हैं। यह बात आपको थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन इन पंचायत चुनावों में ये सब छाए रहे। क्योंकि, ये ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह के रूप में बांटे गए थे।
अब चूंकि पंचायत चुनावों में राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह नहीं दिए जा सकते हैं इसलिए भाजपा, कांग्रेस, निर्दलीय एक ही चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े हैं। भले ही चुनाव क्षेत्र अलग-अलग रहा हो। उत्तराखण्ड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सबसे ज़्यादा जीत कप-प्लेट चुनाव चिन्ह को मिली तो उगता सूरज दूसरे स्थान पर रहा। ज़िला पंचायतों में 90 से ज़्यादा प्रत्याशी कप-प्लेट चुनाव चिन्ह वाले जीते हैं। तो दूसरे नंबर पर उगता सूरज वाले प्रत्याशी हैं। उत्तराखण्ड प्रदेश में 356 जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर चुनाव हुआ और इनमें सबसे ज़्यादा निर्दलियों को विजयी मिली है। कांग्रेस 88 पर सिमट गई तो बीजेपी 123 पर जाकर थम गई। निर्दलियों ने स्थानीय मुद्दों और ज़मीन पर पकड़ के चलते दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को पीछे धकेल 144 सीटों पर कब्ज़ा कर लिया। राजनीतिक पर्यवेक्षक यह भी कह रहे हैं कि, प्रदेश में आगे होने वाले चुनावों में ये दोनों चुनाव चिन्ह सबसे ज़्यादा निर्दलीय प्रत्याशियों की पसंद बनने वाले हैं। क्योंकि, सबसे अच्छी जीत के साथ ये 'लकी' माने जा रहे हैं।
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