त्योहारों के मौसम में ऑनलाइन सेल में सतर्कता से खरीदारी करें। कहीं ऐसा न हो कि आपका बैंक खाता ही खाली हो जाए। ऑनलाइन लेनदेन पर साइबर हैकरों की नजर है जो उपभोक्ताओं के क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डाटा चुराकर बैंक खाता खाली कर देते हैं। आपकी एक छोटी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत में हैकिंग के मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी सिमेंटिक की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में हर माह 4,800 वेबसाइट पर साइबर अपराधियों ने डाटा चुराने के लिए हमला किया। सिमेंटिक का कहना है कि उसने 37 लाख हमलों को नाकाम किया। इसमें 33 फीसदी हमले नवंबर-दिसंबर में हुए।
त्योहारों पर नजर : अक्तूबर-नवंबर त्योहारों का समय होता है। लोग नए साल की छुट्टियों के लिए यात्रा टिकट और होटल की बुकिंग भी कराते हैं। इस दौरान कंपनियां आकर्षक पेशकश करती हैं। इसलिए हैकर त्योहारों के मौसम में ज्यादा हमले करते हैं।
बड़ी साइटों पर भी खतरा : फॉर्म जैकिंग तकनीक से बड़ी ई कामर्स वेबसाइटों से कार्ड के सीवीवी नंबर चुराए जा रहे हैं।
ऐसे करते हैं हमला
– नामी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगी
– क्रेडिट-कार्ड का डाटा साझा करते ही खाता खाली कर देते हैं
– ई-कॉमर्स साइट पर भुगतान के दौरान कार्ड का डाटा चुराते हैं,फार्म जैकिंग तकनीक से सीवीवी नंबर चुरा लेते हैं
छोटी कंपनियां शिकार
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हैकर छोटी ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट को ज्यादा शिकार बनाते हैं। ये कंपनियां उपभोक्ताओं का डाटा सहेज कर रखती हैं, जबकि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ताओं के कार्ड की जानकारी नहीं सहेजतीं।
ऐसे करें बचाव
– देखें कि यूआरएल में सिक्योर मोड (https) में है या नहीं
– एंटीवायरस सॉफ्टवेयर वाले मोबाइल से ही खरीदारी करें
– खरीदारी में सार्वजनिक वाईफाई के इस्तेमाल से बचें
– साइट की स्पेलिंग जांच करें
– कैश ऑन डिलिवरी चुनें
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