कांकेर! कांकेर के तुमसनार गांव में अंधविश्वास के कारण पुरुषों ने प्रसूता का शव दफनाने से इनकार कर दिया। यही नहीं, उन्होंने शव को कंधा भी नहीं दिया। इसके बाद महिलाओं ने ही अंतिम यात्रा निकाली और शव गांव के बाहर जंगल में दफनाया। यहां ऐसा अंधविश्वास है कि किसी प्रसूता का शव गांव में दफनाने से वह भूत-प्रेत बन जाती है। प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते। तुमसनार की सुकमोतीन कांगे ने राजस्थान के पंकज चौधरी से 2016 में शादी की थी।
सुकमोतीन मां बनने वाली थी, उसे प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया. उसने बच्चे को जन्म दिया, शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई। सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया। 16 अक्टूबर को जच्चा-बच्चा का शव गांव पहुंचा तो अंतिम संस्कार के लिए कोई पुरुष सामने नहीं आया।
मृतका एनजीओ से जुड़ी थी। इसी सिलसिले में वह कुछ समय जशपुर और राजस्थान गई थी। राजस्थान में पंकज चौधरी नामक युवक से उसकी दोस्ती हो गई और विवाह कर लिया। वर्तमान में दोनों साथ ही गांव में रहते थे।
महिला का अंतिम संस्कार नहीं करने देना गलत है। यह साबित हो चुका है कि भूत-प्रेत का कोई अस्तित्व नहीं है। समिति गांव जाएगी। अंधविश्वास हटाने के लिए लाेगों को जागरूक करेगी।
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