शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

जिंदा जलाने के मामले में 16 को फांसी

ढाका! बांग्लादेश की एक अदालत ने बीते बुधवार को 19 वर्षीय एक छात्रा को जिंदा जलाकर उसकी हत्या करने के मामले में 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई। बता दें कि इस घटना के विरोध में देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे। नुसरत जहां रफी ने एक मदरसे के मौलाना के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत वापस लेने से इनकार कर दिया था।
जब जज ने कहा, 'कानून से ऊपर कोई नहीं'
मौलाना के खिलाफ शिकायत वापस नहीं लेने पर केरोसिन छिड़ककर नुसरत जहां रफी को जिंदा जला दिया गया था। बतै दें कि 15 लोगों की भीड़ ने किशोरी को बेरहमी से जलाया जिसमें वह 80% से भी ज्यादा जल गई थीं। बाद में इलाज के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया। खबरों के अनुसार, किशोरी की हत्या का आदेश आरोपी मौलाना ने जेल से ही दिया था। उधर, अभियोजक हाफिज अहमद ने अदालत में फैसला सुनाए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि, 'यह फैसला साबित करता है कि बांग्लादेश में कोई हत्यारा कानून से नहीं बचेगा। हमारे यहां कानून का शासन है।'
शिकायत के बाद जिंदा जलाया था:-
19 साल की नुसरत जहां रफी को उनके स्कूल की छत पर ही जिंदा जलाया गया था। बता दें कि उन्होंने स्कूल के मौलाना पर यौन शोषण की शिकायत की थी। शिकायत वापस नहीं लेने के कारण उन्हें स्कूल की छत पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर हत्या कर दी थी।


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