कोण्डागांव जिले के किसी भी हाट बाजार में औषधियों का क्रय-विक्रय नहीं किया जा सकेगा
कोण्डागांव। कोण्डागांव जिला यू तो अनमोल, प्राकृतिक जड़ी-बुटियों की सम्पदा से परिपूर्ण जिला है। इन्हीं जड़ी-बुटियों की धरोहर को सहेजने एवं उन्हें विलुप्त होने से बचाने लिए जिला प्रशासन द्वारा पहली बार बड़ा कदम उठाया गया है। चूंकि जिले की विलुप्त हो रही जड़ी-बुटियों जैसे भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना, जैसी विभिन्न प्रकार की औषधि पौधो को कथित बिचौलियों एवं व्यापारियों द्वारा खनन करके अथवा मंगाकर खरीदा जा रहा है, फलस्वरुप इन पौधो के अंधाधुंध दोहन से इनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
इसे देखते हुए जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार दिनांक 10 अक्टूबर 2019 से कोण्डागांव जिले के किसी भी हाट बाजार में उपरोक्त औषधियों का क्रय-विक्रय नहीं किया जा सकेगा। परन्तु जिले के परम्परागत एवं मान्यता प्राप्त प्रशिक्षित वैद्यो द्वारा आमजनो के उपचार करने हेतु वन अधिकार समिति से अनुमति प्राप्त कर भुई भेलवा, जड़ी, चिनहुर जड़ी, अन्नंत मूल, सर्पगंधा, मैदाछाल, सतावरी, पैंग, ज्यौतिषमति फल, कोरियाछाल, रसना का उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए संपूर्ण कोण्डागांव जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (2) एक पक्षीय प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिया गया है।
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