केकड़ा आर्थ्रोपोडा संघ का एक जन्तु है। इसका शरीर गोलाकार तथा चपटा होता है। सिरोवक्ष (सिफेलोथोरेक्स) तथा उदर में बँटा रहता है। इसका उदर बहुत छोटा होता है। इसके सिरोवक्ष के अधर वाले भाग में पाँच जोड़े चलन पाद मिलते हैं। सिर पर एक जोड़ा सवृन्त संयुक्त नेत्र मिलता है। इसमें श्वसन गिल्स द्वारा होता है।
लक्षण:-
चित्र:सामान्य केकड़ा अंगूठाकार
यह जलीय जंतु होता है जो जल प्रणाली की तलछटी में रहता है।
इसका शरीर सिफैलोथोरेक्स (Cephalothorex) और उदर में विभाजित रहता है तथा उदर बहुत छोटा होता है।
सिफैलोथोरेक्स की चौड़ाई लंबाई से ज्यादा होती है।
इसके सिर पर एक जोड़ा ऐंटेन्यूल्स (Antennules), एक जोड़ा श्रृंगिका (Antenna) और एक जोड़ी संवृंत संयुक्त नेत्र (Compound eye) होते हैं।
इसके वक्षीय उपांगों (Appendages) में प्रथम जोड़ा मैक्जिलीपीड्स कीलेट (Chelates) और 4 जोड़े प्रचलन पाद (Walking-legs) होते हैं।
इसके उदर में प्लियोपोड्स (Pleopods) अल्प विकसित यूरोपपोड्स (Uropods) नहीं पाए जाते हैं।
इसमें श्वसन क्लोम द्वारा होता है।
यह एक लिंगी होता है। जीवन वृत्त में जूइया (Zoea) नामक लार्वा अवस्था होती है जिसके कायंतरण से वयस्क का विकास होता है।
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