नई दिल्ली। जाति (caste) है कि जाती ही नहीं। जाएगी भी कैसे? जात-पात खत्म करने का नारा देने वाली पार्टियां अपना चुनाव जातीय गुणा-भाग करके ही लड़ती हैं। अपना कोर वोटबैंक (Vote Bank) देखकर टिकट वितरण करती हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2019) भी इससे अछूता नहीं है। इस प्रदेश में करीब 25 फीसदी जाटों (Jat) की आबादी होने का दावा किया जाता है, इसलिए बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress) और जेजेपी (JJP) ने इसी समाज को सबसे ज्यादा टिकट दी है। जेजेपी ने 34, कांग्रेस ने 27 और बीजेपी ने 20 जाट उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने अपने पुराने वोटबैंक पंजाबी (Punjabi) को नाराज कर लिया है। वजह ये है कि पिछली बार पंजाबी समुदाय बीजेपी की ओर शिफ्ट कर गया था। इसलिए इस बार कांग्रेस ने सिर्फ दो पंजाबियों को टिकट दी है। यहां तक कि पानीपत जैसी पंजाबियों की पारंपरिक सीट पर उसने पंजाबी को टिकट नहीं दी। फरीदाबाद में एक टिकट हमेशा पंजाबी को मिलती थी, लेकिन इस बार उसने किसी पंजाबी को टिकट नहीं दी। इसे केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने बाकायदा मुद्दा बना दिया है। कह रहे हैं कि पंजाबियों की उपेक्षा कांग्रेस को भारी पड़ेगी। इसीलिए वो बड़खल से अपनी प्रत्याशी पंजाबी समाज से आने वाली सीमा त्रिखा को साथ लेकर कांग्रेस के सबसे पुराने पंजाबी नेताओं में से एक पूर्व मंत्री एसी चौधरी के घर समर्थन मांगने पहुंच गए। चौधरी कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं। बीजेपी ने 9 पंजाबियों को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने राजपूत (Rajput) समाज को भी इस बार टिकट वितरण में साइडलाइन कर दिया है। पार्टी ने इस समाज से सिर्फ दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने 4 तो जेजेपी ने सिर्फ एक प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।
वैश्य समाज:-वैश्य (Bania) समाज बीजेपी का पारंपरिक वोटर रहा है, इसलिए पार्टी ने इसके 9 प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने 5 और जेजेपी ने इस समाज के 4 लोगों को टिकट दिया है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 7 ब्राह्मणों (Brahmin) को टिकट दी है। इसके मुकाबले जेजेपी ने 6 और कांग्रेस 5 को मैदान में उतारा है।
मुस्लिमों (Muslim) को सबसे ज्यादा 6 टिकट कांग्रेस ने दी है. वहीं, चार को जेजेपी ने और 3 को बीजेपी ने मैदान में उतारा है। गुर्जर समाज के 6-6 लोगों को जेजेपी और कांग्रेस ने और 5 को बीजेपी ने टिकट से नवाजा है। हालांकि, यादव समाज के मामले में सबने बराबरी की है। इन तीनों पार्टियों ने इस समुदाय से तीन-तीन प्रत्याशी उतारे हैं। बीजेपी ने अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के लोगों को 17 टिकट दी है। कांग्रेस और जेजेपी ने 18-18 उम्मीदवारों को उतारे का फैसला किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.