ऋषिकेश! स्वर्गाश्रम जोंक स्थित परमार्थ निकेतन में ग्राम पंचायत विकास योजना अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ है। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस कार्यक्रम में पंचायती राज से जुड़े अधिकारी हिमालय क्षेत्रों के गांवों में विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विचार विमर्श करेंगे।
गुरुवार को परमार्थ निकेतन में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का शुभारंभ करने पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गांवों में विकास को किस प्रकार गति दी जाए इसके लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। पंचायती राज के अधिकारी इस मुद्दे पर विचार विमर्श के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। कहा कि सरकार हिमालय क्षेत्रों में बसे गांवों के विकास के लिए लगातार विकास योजनाएं बना रही हैं। लेकिन योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने इस संबंध में चिंतित है। दो दिन तक चलने वाली कार्यशाला में कृषि, बागवानी, भूमि के विकास के साथ ग्रामीणों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था और भूमि संरक्षण के मुद्दों पर गहनता से विचार विमर्श होगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि इस कार्यशाला के संपन्न होने के बाद गांव में पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ जरूर मिलेगा। परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि सरकार इस कार्यशाला के माध्यम से बेहतर दिशा में जा रही है। कहा कि लोगों को समझना चाहिए कि हम हिमालय नहीं है। हिमालय है तो हम हैं। हिमालय से हमें जीवन जीने का हौसला मिलता है। हिमालय दुश्मनों के लिए ढाल बनकर खड़ा है। अब हमारी बारी है कि हम हिमालय को बचाने की कोशिश करें। इसके लिए जल पर्यावरण को संरक्षित करने की जरूरत है।
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