नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से दर्ज किए गए आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को जमानत दे दी है। हालांकि, चिदंबरम ईडी मामले में 24 अक्टूबर तक कस्टडी में हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में पी.चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पी.चिदंबरम अदालत से इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते।
चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने हाल ही में उनके तथा अन्य लोगों खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है जिनमें उनके बेटे कार्ति तथा कुछ नौकरशाह शामिल हैं। इन पर कथित रूप से भ्रष्टाचार निरोधक कानून तथा भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध करके राजकोष को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया था। चिदंबरम फिलहाल आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में है।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, 'पी चिदंबरम को रिहा किया जा सकता है। उन्हें एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी जा सकती हैं। उन्हें पूछताछ के लिए पेश होना पड़ेगा।' उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर किसी अन्य मामले में पी.चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। साथ ही अदालत ने चिदंबरम से कहा कि वो इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए पी.चिदंबरम को बुलाएगी, उन्हें पेश होना होगा।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद राहत के लिए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। सीबीआई ने शुक्रवार को अदालत से कहा था कि चिदंबरम को इस मामले में तब तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए जब तक इस मामला का ट्रायल शुरू नहीं हो जाता और अहम गवाहों के बयान नहीं दर्ज कर लिए जाते।
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