शेषनाग की दुल्हन बनी बैठी नाबालिग लड़की को देवी मानकर ग्रामीण करने लगे है पूजा अर्चना,अंधभक्तों की जुटने लगी है भीड़,जमकर चढ़ाया जा रहा चढ़ावा
कोरबा। हमारे बचपन में नानी-दादी नाग और इंसान के जोड़ी की कहानियां अक्सर सुनाया करती थी। तथा फिल्मों में भी ऐसी काल्पनिक दृश्य देखते आ रहे है।लेकिन वे कहानियां व दृश्य केवल मन बहलाने के लिए है।और असल जिंदगी से इसका कोई वास्ता नही है।आज समय इतना आधुनिक हो चला है कि हम इंसानो की पहुँच चाँद तक हो गई है।लेकिन यह सुनकर जरुर आश्चर्य होगा कि एक 14 साल की नाबालिग लडकी शेषनाग की दुल्हन बनी बैठी है।जिसे देवीस्वरूप मानकर ग्रामीणों का तांता उसके घर पर बढ़ता ही जा रहा है और जमकर चढ़ावा के साथ पूजा अर्चना भी हो रही है।
हम बात कर रहे है जिले के कोरबा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सतरेंगा के आश्रित ग्राम कोरई की जहां से छनकर आ रही खबर के मुताबित महज एक 14 साल की नाबालिग लड़की जिसका कहना है कि प्रत्येक शनिवार को उसके सपने में शेषनाग देवता आता है।बीते शनिवार को भी पुनः सपने में शेषनाग देवता आया था और मांग में सिंदूर भरकर यह कहकर चला गया कि वह फिर से शनिवार के ही दिन बारात लेकर आयेगा और दुल्हन बने बैठी लड़की को अपने साथ ले जाएगा।वहीं लड़की के पिता का कहना है कि उसकी बेटी के माथे पर जो सिंदूर लगा है उसे पोछने या मिटाने पर नही मिट रहा है।अब लड़की और उसके परिजन जिस प्रकार जनमानस में उक्त अंधविश्वास को फैलाने में लगे है।और जिस प्रकार यह खबर जंगल में लगे आग की तरह फैलती जा रही है।उससे ग्राम एवं आसपास इलाके के ग्रामीणों की भीड़ नाबालिग लड़की के घर में देखने को मिल रही है। जहां अंधभक्त रेलम-पेल तरीके से नारियल,अगरबत्ती,रुपया-पैसा सहित अन्य चढ़ावा की वस्तुएं हाथों में लिए देवीस्वरूप बने बैठी नाबालिग लड़की के दर्शन को आतुर है। कई ग्रामीणजन तो अपनी मन्नतें लेकर सोने-चांदी के आभूषण भी काल्पनिक देवी के दरबार में चढ़ा रहे है। तथा आस्था के नाम पर आसपास ग्राम के लोगों की भीड़ जिस प्रकार वनांचल ग्राम कोरई की ओर बड़ी संख्या में बढ़ने लगी है।इस घटना ने परस्पर सोचने पर विवश कर दिया है कि आज के जागरूक जमाने में भी लोग अंधविश्वास को फ़ौरन मान लेते है। लड़की और उसके माता-पिता क्यों ऐसा अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है। कहीं मनगढ़त कहानी रच ढोंग का सहारा लेकर लोगों को आकर्षित करके चढ़ावा बटोरने का मंशा तो नही?फिलहाल यह मामला प्रशासन के संज्ञान में अभी तक नही आया है। लेकिन समय रहते प्रशासन द्वारा इस दिशा पर संज्ञान नही लिया गया तो इस अंधविश्वास के चुंगल में फंसकर अंधभक्त लुटाते ही रहेंगे। इससे कृत्यकर्ता के हौसले बढ़ेंगे। अब देखना यह है कि इस खबर को प्रशासन द्वारा संज्ञान में लेकर प्रशासनिक तौर पर क्या कदम उठाया जाता है?
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