लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में तैनात 25 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं।कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस महकमे के बजट से लगाए गए 25 हजार होमगार्ड की सेवाएं लेने से पुलिस महकमे ने मना कर दिया है। एडीजी पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
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इसमें कहा गया है कि कानून व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस विभाग में रिक्तियों के सापेक्ष 25000 होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई थी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 28 अगस्त को हुई बैठक में इस ड्यूटी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय प्रयागराज की ओर से आदेश जारी कर होमगार्ड की तैनाती तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।
एडीजी पुलिस मुख्यालय ने आदेश में कहा है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 28 अगस्त 2019 को हुई बैठक में होमगार्ड स्वयंसेवकों की तैनाती समाप्त करने का फैसला किया गया था।
आदेश में कहा गया है कि होमगार्ड स्वयंसेवकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए मानदेय के रूप में भुगतान की जाने वाली धनराशि का आकलन माहवार कराकर एक हफ्ते के अंदर पुलिस मुख्यालय को अवगत कराएं। आकलन चार्ट पर जनपद प्रभारी का नाम व पदनाम सहित स्वयं का हस्ताक्षर होना चाहिए।
इस आदेश से पुलिस थानों और ट्रैफिक नियंत्रण में होमगार्ड स्वयंसेवकों की तैनाती समाप्त हो गई है। माना जा रहा है कि होमगार्ड स्वयंसेवकों का दैनिक भत्ता 500 रुपये से बढ़ाकर 672 रुपये करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह छंटनी की जा रही है, क्योंकि सरकार बजट बढ़ाने को तैयार नहीं है। प्रदेश में लगभग 90 हजार होमगार्ड के स्वयंसेवक हैं। पुलिस विभाग के इस फैसले से 25 हजार होमगार्ड स्वयंसेवक कम हो जाएंगे।
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