लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार प्लास्टिक बैन को लेकर अब सख्त रूख अपना रही है। इसके तहत अधिकारी भी इसका सख्ती से पालन कर रहे हैं। इश क्रम में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी मंडलायुक्तों एंव जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यूपी के सभी सरकारी कार्यालयों अौर बैठकों में प्लास्टिक की बोतलों का उपयोगा कतई नहीं होना चाहिए। यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों में और अधिक पारदर्शिता के साथ काम करें।
दिए जरूरी निर्देश-मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ प्रशासन को प्राथमिकता देकर अधिकारी अपने शासकीय दायित्वों का पारदर्शिता के साथ निर्वहन करें। 'स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत बेहतर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
पालन न करने पर होगी कड़ी कार्रवाई-उन्होंने कहा कि शासकीय धन का दुरुपयोग होने पर पारदर्शिता के साथ जांच कराकर दोषी पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी या सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। तिवारी ने निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत मिशन योजना (शहरी) के तहत जारी 428 करोड़ रुपये की धनराशि का पारदर्शिता के साथ उपयोग कराने के लिए जनपद स्तर पर गठित कमेटी की बैठक जल्द बुलाई जाए। साथ ही आवश्यक उपकरणों की खरीद की जाए।
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