लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा उद्योग जगत को कर रियायत देने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से उत्पन्न नयी सम्भावनाओं के बीच लिये गये इस फैसले से देश और उत्तर प्रदेश निवेश के सबसे आकर्षक केंद्र बन जाएंगे। योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। इससे उबरने के लिए वित्त मंत्रालय ने कर कटौती का साहसिक और ऐतिहासिक फैसला लिया। इससे भारतीय अर्थ जगत को एक नई ताकत मिलेगी। आर्थिक सुस्ती झेल रहे उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें न सिर्फ निवेश के नये अवसर मिलेंगे, बल्कि जिन निवेशकों ने यहां पूंजी लगायी है, उनको भी इसका लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से चीन के निर्यात में भारी कमी आयी है। इससे चीन में उत्पादन कम हुआ है और जिन कम्पनियों ने चीन में निवेश किया था अब वे निवेश के लिए दूसरे गंतव्य की तलाश करेंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दर को कम करके भारत को दुनिया में सबसे आकर्षक निवेश स्थल के रूप में पेश किया है और इसका सबसे ज्यादा लाभ देश और उत्तर प्रदेश को होने जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के इस दौर में जहां बाकी तमाम देशों की विकास दर दो या तीन प्रतिशत है, वहीं भारत पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि कर दर में कमी होने से यह तेजी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों कर दर अधिक होने की वजह से प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ जाती थीं, लेकिन वित्त मंत्रालय के फैसले से दक्षिण एशिया में भारत की कर दर सबसे कम करने और देश की कम्पनियों को प्रतिस्पर्द्धा में लाने में मदद मिलेगी। योगी ने नई कर दरों का उत्तर प्रदेश पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद जताते हुए कहा ''हमारा मानना है कि कर दर में कमी के बावजूद प्रदेश के राजस्व पर इसका कोई भी प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा, बल्कि राज्य की जीडीपी में बढ़ोतरी के कारण सकल राजस्व बढ़ेगा। इससे देश और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लाभ आटोमोबाइल क्षेत्र को मिलेगा। विनिर्माण और इंजीनियरिंग में भी इसका काफी लाभ प्रदेश को मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले का सबसे अधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिल सकता है क्योंकि उसके पास बेहतर संपर्क साधन और भूमि है। उन्होंने कहा कि इससे प्रधानमंत्री के 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश 1000 अरब डॉलर के योगदान का अपना संकल्प पूरा कर सकता है।
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