नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को और दो हफ्ते का वक्त दिया है। इन मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के जज ने पीड़ित लड़की का बयान दर्ज कराने के लिए एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वो जज की इस मांग पर जल्द फैसला लें। तीस हजारी कोर्ट के जज ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा कि आगे भी समयसीमा बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।पिछले दो सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपित शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
पीड़िता बोली- हादसे के पीछे सेंगर का हाथ
उन्नाव रेप पीड़िता ने पत्रकारो से बात करते हुए बताया है कि कार-ट्रक दुर्घटना के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ है। उसी ने मुझे मारने की साजिश रची है। पीड़िता ने एम्स अस्पताल के बेड से फोन पर ये बात-चीत की। 28 जुलाई को रायबरेली हाईवे पर कार और ट्रक आपस में भिड़ गए थे। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी एवं पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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