ग्राम पंचायत बांका के हाई स्कूल व मिडिल स्कूल में शिक्षक नदारद रहने से ग्रामीणों ने स्कूल बंद कर उच्च अधिकारियों की आने के इंतजार कर रहे ग्रामीण
बिल्हा ब्लॉक के अंतिम छोर होने की वजह से बेलतरा संकुल के स्कूलों में आये दिन शिक्षक रहते हैं नदारत
नेवसा। बिल्हा ब्लॉक के अंतिम छोर होने की वजह से बेलतरा संकुल के स्कूलों में आए दिन शिक्षक नदारद रहते हैं विभागीय अधिकारी अंतिम छोर होने के कारण कभी भी स्कूलों में निक्षण करने का एक दिन भी फुर्सत नहीं मिलता कुंभकरणी निद्रा में अधिकारी गण सोए हुए रहते हैं जिसके वजह से शिक्षा आए दिन मनमानी करते हुए स्कूलों से नदारद रहते हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 12 सितंबर को स्कूल तो खुला है लेकिन शिक्षक अभी तक नदारद रहने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है शिक्षक नदारद रहने से ग्रामीणों ने स्कूल में ताला बंद कर स्कूल के बाहर काफी जनसंख्या में मैदान में जमे हुए ग्रामीण जन अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं शासकी हाई स्कूल बांका में 5 शिक्षक है जिसमें 2 शिक्षक को शिक्षा विभाग ने अन्य स्थानों पर अटैच कर दिया है इन स्कूलों में 140 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है जहां पर स्कूल की छुट्टी समय से पहले कर दी जाती है वही जो 3 शिक्षक है उनके आने जाने का कोई समय सीमा नहीं है जिसके चलते बच्चों की कोर्स अधूरी है इसी तरह शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बांका में 80 छात्र छात्राएं अध्ययन करते हैं व3 शिक्षक पदस्थ है आए दिन प्रधान पाठक व शिक्षक नदारद रहते हैं अब सवाल उठता है कि ऐसे में बच्चे परीक्षा देकर कैसे पास हो पाएंगे क्योंकि परिचय उनके सर पर है इस संबंध में ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि बिल्हा ब्लॉक के अंतिम छोर होने की वजह से ग्रामीण अंचल के स्कूलों में शिक्षक हमेशा समय बेसमय आए दिन नदारद रहते हैं ग्राम पंचायत बांका के शासकीय हाई स्कूल में पदस्थ शिक्षक आए दिन नदारद रहते हैं वहीं 2 शिक्षक अभी तक अटैच में हैं जिस से बांका हाई स्कूल 3 शिक्षकों के भरोसे चल रहा है जिसके चलते इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की भविष्य के साथ शिक्षक खिलवाड़ कर रहे हैं हाई स्कूल बांका में लगभग 2 से 40 छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं पूर्व माध्यमिक शाला में 80 छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं इनके जिंदगी से शिक्षक गण लापरवाही व मनमानी करते हुए आए दिन समय के बेसमय स्कूल से नदारद रहते हैं। जिससे पढ़ने वाले छात्रों के कोर्स अधूरे रह गए हैं जबकि परीक्षा सर पर है और कोर्स अधूरा है यह पर है तथा 3 शिक्षकों की मनमानी से बच्चों की जिंदगी अधर में लटका हुआ है इसी तरह बेलतरा संकुल के । ग्रामीणों का कहना है की इस मामले को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुआ जिसे शिक्षा के हौसले आए दिन मूलन होते जा रहे हैं स्कूल आने का व जाने का कोई समय सीमा नहीं है ग्राम सभा में इस मामले को लेकर चर्चा भी की गई थी तब कुछ लोग जाकर के शिक्षकों से इस संबंध में स्कूल जाकर कड़ी चेतावनी दिया गया था तब दोनों ही स्कूलों में सुधार हुआ था लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से उसी ढर्रे पर चलने लगा है जिसे लेकर बच्चों के पालक काफी चिंतित है जबकि बिल्हा ब्लॉक के यह अंतिम छोर है इस और अधिकारीगण कभी स्कूल का निरीक्षण करने तक नहीं आते हैं जिससे शिक्षकों की मनमानी चरम सीमा पर है।
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