सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पहली बार मानसून में सुरक्षा बलों द्वारा हर साल की अपेक्षा इस बार सबसे ज्यादा आपरेशन चलाए गए। जिसमें जवानों को कई बड़ी सफलताएं मिली है। अब लगभग मानसून खत्म होने जा रहा है। इसके साथ ऑपरेशन मानसून भी खत्म हो गया है। अब आने वाले दिनों मे नया नाम देकर नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति के साथ सुरक्षा बल के जवान जंगल में उतरेंगे। इसको लेकर रणनीति तैयार कर ली गई है।
मानसून के इन तीन माह में सुकमा जिले में सुरक्षा बल के जवानों ने करीब 20 नक्सल ऑपरेशन किए हैं, जिसमें उन्हें काफी कामयाबी मिली है। जवानों की सर्तकता और सर्चिंग के कारण जवानों ने करीब 18 आईईडी रिकवर की है। जगरगुंडा मुख्य मार्ग हो या फिर एर्राबोर साप्ताहिक बाजार जहां पर जवानों को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों ने आईईडी लगाई थी। जिसे जवानों ने डिफ्यूज कर दिया। यदि ये ब्लास्ट हो जाते तो जवानों को काफी नुकशान हो सकता था। नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन के कारण नक्सलियों पर काफी दबाव बना है। लिहाजा नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। इन मानसून के महिनों में करीब 55 नक्सलियों ने संगठन से मोहभंग कर पुलिस के समक्ष हथियार डाले है। इसके अलावा 45 नक्सलियों को जिले के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया गया। क्योंकि अंदरूनी इलाकों में सरेंडर नक्सलियों ने भी प्रचार-प्रसार किया था। साथ ही लगातार सर्चिंग व गश्त से भी नक्सलियों पर दबाव बना है।
सुकमा के एसपी शलभ सिन्हा के मुताबिक इन 20 ऑपरेशन में सिर्फ नक्सलियों के साथ आमने-सामने 5 मुठभेड़ हुई है, जिसमें जवानों ने बिना किसी नुकशान के 4 नक्सलियों को मार गिराया है। जिनके शव भी बरामद कर दिए गए। हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि कई नक्सली घायल हुए है और मारे भी गए हैं, लेकिन उनके शव या नक्सली नहीं मिले है। वही पुलिस ने इन मुठभेड़ों में 7 हथियार बरामद किया है। जिसमें एक इंसास रायफल शामिल है वही जवानों ने एक नक्सली कैम्प भी ध्वस्त किया था।
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