वाराणसी। पूर्वांचल में वाराणसी समेत आसपास के जिलों में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे पूर्वांचल के गांवों में बाढ़ की भयावह स्थिति बन गई है। जिलों में बाढ़ पीड़ितों के राहत कैंप लगाए गए हैं। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। वहीं वाराणसी में भी जिलाधिकारी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने पहुंचे, लेकिन इसी बीच वह हादसे का शिकार हो गए। उनके साथ ही एनडीआरएफ के दो जवान भी जख्मी हो गए हैं। वाराणसी के कोनिया में जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने के लिए गए थे, वहीं राहत सामग्री बांटने के दौरान दीवार गिर गई। उनके साथ ही एनडीआरएफ के दो जवानों पर भी दीवार गिरी है। डीएम दीवार पर बैठ कर पीड़ितों को राहत सामग्री बांट रहे थे। दीवार गिरने के साथ ही जिलाधिकारी भी गिर गए। हादसे में जिलाधिकारी के साथ कई कर्मचारियों को चोटें आई हैं। चोट लगने के बाद भी डीएम ने ढाब इलाके का निरीक्षण किया।इसके बाद बाद जिलाधिकारी आवास पर पर पहुंच गए। आवास पर चिकित्सकों की टीम भी ने पहुंचकर उनका इलाज किया।
हादसे में जिलाधिकारी और जवानों को मामूली रूप से चोट आई है। मौके पर मौजूद एसएसपी आनंद कुलकर्णी के साथ अन्य अधिकारियों के साथ डीएम सुरेंद्र सिंह ने मोटर बोट पर गिरी ईंटों को अपने हाथों से उठाकर नीचे फेंका।
इसके बाद मलबे के नीचे दबे एनडीआरएफ के जवानों को बाहर निकाला गया। सुबह डीएम और एसएसपी एनडीआरएफ के जवानों के साथ भैसासुर घाट पर पहुंचे। जिसके बाद बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटने के लिए सभी अधिकारी एनडीआरएफ की मोटर बोट पर सवार होकर बाढ़ ग्रस्त कोनिया इलाके की ओर बढ़े।
कोनिया घाट के पास बाढ़ के पानी में चारों तरफ से घिरे राजकुमार सेठ के परिजन और उनके घर के बच्चे राहत सामग्री जब खुद के हाथों से नहीं ले पाए तो डीएम सुरेंद्र सिंह एनडीआरएफ की मोटर बोट से उतरकर किसी प्रकार राजकुमार सेठ के घर की चारदीवारी फांद कर अंदर गए और एनडीआरएफ के जवानों से राहत सामग्री लेकर अपने हाथों से उठाकर दे रहे थें।
इस दौरान बारिश से कमजोर हुई दीवार एकाएक भरभरा कर एनडीआरएफ के मोटर बोर्ड पर गिर गई। दीवार के सहारे खड़े डीएम सुरेंद्र सिंह भी नीचे गिर गए। गनीमत रहेगी डीएम सुरेंद्र सिंह बाढ़ के पानी में न गिर कर एनडीआरएफ के मोटर बोट पर गिरे। वहीं डीएम सुरेंद्र सिंह को राहत सामग्री दे रहे एनडीआरएफ के 2 जवानों के ऊपर दीवार का मलबा गिरने से वह नीचे दब गए।
डीएम सुरेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए दीवार की ईंटों को उठाकर अपने हाथों से फेंक कर नीचे दबे एनडीआरएफ के जवानों को बाहर निकाला गया। दीवाल गिरने के दौरान आस-पास मौजूद बाढ़ पीड़ितों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। हादसे के वक्त एनडीआरएफ के मोटर बोट के पास कुछ छोटे बच्चे भी मौजूद थें जो कि दीवार गिरने के बाद भयभीत होकर चिल्लाने लगे थें। आस-पास मौजूद लोग भी जैसे तैसे बाढ़ के पानी में उतर कर मौके पर पहुंचे और जिला प्रशासन की मदद की।
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