जयपुर । राजस्थान से पूर्व मुख्यमंत्रियों के बुरी खबर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधा दिये जाने के फैसले को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट का पूर्व मुख्यमंत्रियों का ये बड़ा झटका कहा जा सकता है। जस्टिस प्रकाश गुप्ता ने आज राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम 2017 को अवैध घोषित कर दिया है। इस अधिनियम के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को राजस्थान में कई सुविधाओं का प्रावधान था, जिसमें आजीवन बंगला, टेलीफोन समेत कई सुविधाएं शामिल हैं।
याचिकाओं में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधा देने के राजस्थान सरकार के कानून को चुनौती दी गई थी। उत्तर प्रदेश में ऐसे ही मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही विधेयक को अवैध ठहरा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी सुविधाओं को लेकर यूपी सरकार के विधेयक को असंवैधानिक ठहराते हुए रद्द कर दिया था। राजस्थान में वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया इस तरह की सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। मिलापचंद डांडिया एवं अन्य की याचिकाओं में सरकार के इस अधिनियम के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधा देने के प्रावधान को चुनौती दी गई थी। याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पहले ही यूपी के मामले में इस तरह के विधेयक को अवैध ठहराने का हवाला भी दिया गया। फिलहाल अभी राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं को लाभ वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया ले रहे हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही आदेश दिया था। उस आदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला नहीं दिया जा सकने की बात थी। याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पहले ही उत्तर प्रदेश के मामले में इस तरह के विधेयक को अवैध ठहराने का हवाला भी दिया गया। वहीं कुछ दिन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही आदेश दिया था। उस आदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला नहीं दिए जा सकने की बात थी।राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं का लाभ फिलहाल वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया ले रहे हैं। हालांकि याचिकाकर्ता की ओर से वकील विमल चौधरी और योगेश टेलर की पैरवी के बाद इन तमाम सुविधाओं पर पाबंदी लग गई है। जो राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम 2017 के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रही थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.