लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह शुक्रवार को लखनऊ में स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने पेश होंगे। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी हैं। कल्याण सिंह के अलावा इस मामले में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी आरोपी हैं।राजस्थान का राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को इस मामले में अब तक अनुच्छेद 361 के तहत कार्रवाई से छूट मिली थी। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े आपराधिक साजिश के मामले में पेश होने का आदेश दिया था।
सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया था, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, नृत्य गोपाल दास, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा (प्रेम) और धर्म दास को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी। कल्याण सिंह को छोड़कर बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली हुई है।
'कल्याण सिंह ने नहीं उठाया था कोई कदम'
इन सारे नेताओं के खिलाफ अयोध्या में बाबरी विध्वंस के लिए आपराधिक षडयंत्र करने का आरोप है, जो धारा 120 (बी) के तहत चल रहा है। बता दें कि अयोध्या मामले के लिए लिब्राहन आयोग का गठन 16 दिसंबर 1992 में किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बाबरी विध्वंस को सुनियोजित साजिश करार देते हुए 68 लोगों को दोषी माना था। लिब्राहन आयोग ने कहा था कि कल्याण सिंह ने घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि यूपी के सीएम रहते कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि वह अयोध्या में विवादित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होने देंगे, लेकिन कार सेवा आयोजित होने के दौरान अयोध्या में मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद सीएम कल्याण सिंह ने मामले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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