फैसला हरियाणा पर, खलबली राजस्थान कांग्रेस में।
सोनिया गांधी ने वफादारों पर ही भरोसा जताया।
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी उठा चुके हैं एक व्यक्ति एक पद का मुद्दा।
वैभव गहलोत की धन्यवाद यात्रा शुरू।
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने बोल्ड फैसला तो हरियाणा कांग्रेस पर लिया है, लेकिन खलबली राजस्थान कांग्रेस में मच गई है। गांधी परिवार के वफादार भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को हरियाणा में न केवल कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया, बल्कि हुड्डा के विरोधी माने जाने वाले अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया। सोनिया ने गांधी परिवार की वफादार कुमारी शैलजा को नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया। चूंकि अशोक तंवर को राहुल गांधी का संरक्षण रहा, इसलिए तंवर को हटाया जाना बोल्ड कदम है। राजस्थान में भी लम्बे अर्से से कांग्रेस में खींचतान चल रही है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं, लेकिन कई मौकों पर पायलट सरकार के काम काज पर अंगुली उठा चुके हैं। इस बीच राजस्थान में भी एक व्यक्ति एक पद की मांग उठने लगी है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी कह चुके हैं कि मंत्री बनने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव से इस्तीफे का प्रस्ताव कर दिया है। इसी प्रकार प्रदेश प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने भी कहा है कि स्थायी प्रदेशाध्यक्ष को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से बात हुई है। माना जा रहा है कि जनवरी में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव से पहले स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति हो जाए। चूंकि सोनिया ने हरियाणा में बोल्ड फैसला किया है, इसलिए अब राजस्थान में कोई हिचक नहीं होगी। कांग्रेस के विधायकों ने भी आठ माह के शासन में देख लिया है कि कौनसा नेता सबको साथ लेकर चल सकता है। इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक कुशलता ही कहा जाएगा कि सभी 12 निर्दलीय विधायक और बसपा के 6 विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के पास सौ विधायकों का पूर्ण बहुमत है, लेकिन निर्दलीय और बसपा विधायकों के समर्थन से सरकार की मजबूती नजर आती है। हालांकि सचिन पायलट के समर्थक एक व्यक्ति एक पद की मांग पर सहमत नहीं है। समर्थकों को लगता है कि पायलट की वजह से ही कांग्रेस की सरकार बनी है। इसलिए पायलट को प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ डिप्टी सीएम भी बना रहना चाहिए। लेकिन सोनिया गांधी ने जिस हरियाणा में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को महत्व दिया है उससे प्रतीत होता है कि अब राजस्थान में भी मुख्यमंत्री गहलोत की राय को महत्व दिया जाएगा। सोनिया गांधी के दोबारा से कांग्रेस अध्यक्ष बनने से गहलोत की स्थिति अपने आप मजबूत हो गई है।
वैभव की धन्यवाद यात्रा:
सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने पांच सितम्बर से जोधपुर संसदीय क्षेत्र में ब्लॉक स्तर पर धन्यवाद यात्रा शुरू की है। वैभव ने गत लोकसभा का चुनाव जोधपुर से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पांच सितम्बर को धन्यवाद यात्रा की शुरुआत में वैभव ने कहा कि भले ही मैं चुनाव हार गया हंू, लेकिन मैं जोधपुर की जनता से हमेशा जुड़ा रहुंगा। मैं ब्लॉक स्तर पर जाकर उन कार्यकर्ताओं और लोगों का आभार जताउंगा, जिन्होंने चुनाव में मुझे सहयोग किया। वैभव की धन्यवाद यात्रा को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एस.पी.मित्तल
गुरुवार, 5 सितंबर 2019
कांग्रेस की क्षमताएं (संपादकीय)
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