धरनारत पत्रकारों पर घातक हमला
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद,लोनी। पत्रकारिता स्पष्ट तौर पर सामाजिक दर्पण के समान है। समाज को जागरूकता प्रदान करने वालों पर अब अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है। जिसका एक मामला प्रकाश में आया है।
जानकारी के अनुसार प्रशासनिक नाराजगी के चलते कुछ पत्रकारों के द्वारा स्थानीय विधायक को ज्ञापन देकर अपनी क्षुब्धता जाहिर करने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया। निर्धारित कार्यक्रम अनुरूप कई पत्रकार भाजपा विधायक के दिल्ली सहारनपुर रोड स्थित कार्यालय पर निर्धारित समय पर पहुंच गये और विधायक की प्रतीक्षा करने लगे। विधायक के कार्यालय पर छह अज्ञात लोग मुंह पर कपड़ा बांधकर हॉकी और डंडे लेकर आए। धरना रत पत्रकारों में शौकत और सरताज नामक पत्रकारों पर हमला कर दिया गया। सरताज को बुरी तरह मारा-पीटा गया। जिससे उसे काफी घातक चोटे लगी है। उसके बाद शौकत को डंडे और हॉकी से पीटा गया। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता हमलावर भाग गए। स्थानीय पुलिस पत्रकारों से सहानुभूति रखती है क्षेत्र अधिकारी और थाना अध्यक्ष के द्वारा हर संभव सहायता करने की बात कही गई और हमलावर का जल्दी पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार करने का भी दावा किया गया। धरना पत्रकारों पर किया गया घातक हमला किसी साजिश का हिस्सा है। इस प्रकार की घटिया साजिश केवल निंदा के योग्य है सभ्य समाज इस कृत्य की निंदा करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.