उत्तर प्रदेश सरकार का यह कैसा नियम सीधा बिल्डर से पीड़ितों को दिला दी आर्थिक दंड की राशि
सचिन विसौरिया
गाजियाबाद।भारत सिटी के द्वारा एकत्रित किए गए गंदे पानी में डूबने के कारण हुई 3 बच्चों की मौत के 1 महीने बाद जागे प्रशासन ने बिल्डर के द्वारा परिजनों को ₹5 लाख की धनराशि दिलाई। उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि प्राइवेट बिल्डर की गलती को छुपाने के लिए सरकारी अधिकारी उसके साथ मिलकर पीड़ित को मदद दिलाने का काम कर रहे हैं। जबकि जानकारी करने पर क्षेत्रीय पटवारी ने बताया कि उपजिलाधिकारी द्वारा भारत सिटी बिल्डर पर जांच के दौरान मानकों में कमी को पाकर ₹5 लाख का आर्थिक जुर्माना लगाया था। जो पीड़ित को दिया गया है। जबकि नियमों के अनुसार अगर बिल्डर सोमपाल सिंह पर किसी प्रकार का जुर्माना लगाया गया है।तो वह डायरेक्ट पीड़ित को कैसे दिया जा सकता है? क्या नियमों की अवहेलना कर यह सारा कार्य किया गया है। स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा पीड़ित परिवार को भारत सिटी में एक-एक, फ्लैट व 20 - 20 लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए। बिल्डर्स सोमपाल सिंह पर 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। जिससे भविष्य में क्षेत्र में और कोई बिल्डर इस तरह की लापरवाही कर मासूमों की जान से खेलने का प्रयास ना करें। मानकों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने आपसी समझौता कर बिल्डर को परमिशन दी गई । इस पूरे मामले की जांच कर, भारत सिटी के बिल्डर व संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। उपजिलाधिकारी प्रशांत तिवारी की इस कार्रवाई से यह बात तो स्पष्ट कि उन्होंने 3 बच्चों की जान की कीमत केवल ₹5 लाख लगाकर पीड़ितों पक्ष को दबाने का प्रयास किया।वहीं भारतीय किसान यूनियन(अ) के प्रदेश अध्यक्ष सचिन शर्मा कहा,यह कैसा न्याय किया गया है? उन्होंने ना तो बिल्डर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है, ना जल प्रबंधन का कोई उपाय किया है। कल जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सोमपाल सिंह की गिरफ्तारी और सख्त कानूनी कार्यवाई की मांग करेंगे।
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