शनिवार, 3 अगस्त 2019

तिरंगे को नहीं मिलेगा कंधा : महबूबा

कश्मीर में सुरक्षा इंतजामों को लेकर न्यूज चैनलों पर बहस क्यों?
महबूबा ने तो कहा था-तिरंगे को कांधा देने वाला नहीं मिलेगा। 

सुरक्षा की दृष्टि से सरकार ने कश्मीर में जो इंतजाम किए हैं उन पर न्यूज चैनलों पर लगातार बहस हो रही है। इन चर्चाओं में आतंकियों के समर्थक भी भाग ले रहे हैं जो हमारे सुरक्षा बलों की तैनाती पर एतराज कर रहे हैं। ऐसी चर्चाओं से आतंकियों के समर्थकों को सरकार के खिलाफ जहर उगलने का अवसर मिल रहा है। सब जानते हैं कि कश्मीर में पाकिस्तान की दखलंदाजी है। हाल ही में जो घातक हथियार बरामद किए है उनसे पता चलता है कि आतंकी बड़ी कार्यवाही करने वाले हैं। ऐसे में यदि सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं तो एतराज क्यों? क्या विदेशी आतंकियों से कश्मीर को बचाने का हक सरकार और सुरक्षा बलों को नहीं है? यदि इन सुरक्षा इंतजाम पर भी चैनलों पर बहस होगी तो किसी सरकार का काम करना मुश्किल हो जाएगा। वैसे भी आतंक से ग्रस्त कश्मीर के सुरक्षा इंतजाम गुप्त ही रहने चाहिए। सरकार कितने सुरक्षा बल तैनात कर रही है इससे कोई सरोकार नहीं होना चाहिए। न्यूज चैनल वालों को कम से कम कश्मीर से लाइव प्रसारण नहीं करना चाहिए।
महबूबा में घबराहट:
कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती इन दिनों कुछ ज्यादा ही घबराई हुई हैं। दो अगस्त को भी अलगाववादी नेता सज्जाद लोन को साथ लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। यह वो ही महबूबा है जिन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 और 35-ए के साथ छेड़छाड़ की गई तो कश्मीर में तिरंग को कांधा देने वाला कोई नहीं मिलेगा। सवाल उठता है कि महबूबा की वो दबंगता कहां गई? अब अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से ही महबूबा इतनी घबराह गई हैं? असल में अब महबूबा जैसे नेताओं की दुकान कश्मीर से उखड़ चुकी है। महबूबा हों या फारुख अब्दुल्ला। ऐसे नेताओं की पोल कश्मीर के लोगों के सामने खुल चुकी है। रोज रोज के आतंक से कश्मीर के आम लोग भी परेशान हो गए हैं। कश्मीर के लोग अब अमन और सुकून चाहते हैं। विदेशी पैसा बंद हो जाने से पत्थरबाज भी खामोश है। 
अब शांति:
2 अगस्त को जम्मू कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और कश्मीर घूमने आए पर्यटकों को कश्मीर छोडऩे का फरमान जारी किया तो तनाव पूर्ण हालात हो गए लेकिन तीन अगस्त को घाटी और जम्मू में हालात सामान्य दिखे। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर दोहराया है कि सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। राज्यपाल ने साफ कहा कि कश्मीर में कोई बड़ी घटना नहीं होने जा रही। हालांकि तीन अगस्त को पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। उमर भी जानना चाहते थे, कि आखिर कश्मीर में क्या हो रहा है? राजपाल ने उमर से भी कहा कि किसी को भी बघराने की जरुरत नहीं है। सारे कदम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं।
एस.पी.मित्तल


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...