चिकित्सा अधीक्षक एव रेलवे मुख्यालय का चहेता फिजीशियन
कानपुर । सन 2017 में आगरा से फिजीशियन स्थान्तरण होकर कानपुर लोको चिकित्सालय आया है।इसके आने के पश्चात रिफलर में बेतहाशा वृद्धि हुई है।इस फिजीशियन द्वारा दूसरे डाक्टरों के केश मे भी पैसा लेकर रेफर किये जाते है। जो इस फिजीशियन के दायरे में नही आता है।कई डाक्टरों ने इसका विरोध भी किया है। लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिक्षक का चहेता होने के कारण मामले को दबा दिया गया है।जबकि इस फिजीशियन की चालाकी की गणना पीसीडीओ' एव एनसीडीओ' में देखी जा सकती है। जो प्रयागराज मुख्यालय मुख्य चिकित्शा निदेशक को प्रत्येक माह भेजी जाती है। उसमे अवलोकन किया जा सकता है। इससे यह प्रतीत होता है। कि मुख्यालय में बैठे उच्च अधिकारी अपनी जिम्मेदारी एव कर्तव्य का निर्वाह सही ढंग से नही कर रहे है। भारत सरकार एव रेलवे बोर्डको कदाचारी फिजीशियन एवं उच्च अधिकारियों की भी जांच करवाई जाने की आवाश्यकता है।
उमेश शर्मा
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