रविवार, 4 अगस्त 2019

पत्थर फेंकबाज (संपादकीय)


महबूबा और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं के अब समझ आ गया होगा, सरकार का कश्मीर एक्शन। पहले बता देते तो सेना और सुरक्षा बलों पर पत्थर फिकवाते। क्रिकेटर इरफान पठान को भी कश्मीर छोडऩे के आदेश।

2 और 3 अगस्त को जब महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला जैसे पूर्व मुख्यमंत्री कश्मीर एक्शन को जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर गवर्नर सत्यपाल मलिक तक से मिल रहे थे, तब सीमा पर हमारी सेना पाक सेना के भाड़े के टटटू पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के सदस्यों को मौत के घाट उतार रहे थे। ये पाकिस्तानी सेना के वे ही टटू हैं जो भारतीय सीमा में घुस कर हमला करते हैं। पाकिस्तान की सेना ने ही इन टटुओं के प्रशिक्षण शिविर अपने कब्जे वाले कश्मीर में बना रखे हैं। अब पाक सेना का कहना है कि भारतीय सेना पीओके पर कलस्टर बम बरसा रही है। भारतीय सेना ने 2 व 3 अगस्त को जिस तरह पाकिस्तान की कमर तोड़ी है, उससे महबूबा और उमर को पता चला गया होगा कि कश्मीर में क्या हो रहा है? यदि अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर इंतजाम नहीं किए जाते तो पाकिस्तानी सेना के टटू कश्मीर में तबाही मचाते। इसलिए अमरनाथ यात्रा को बंद किया और पर्यटकों को भी कश्मीर छोडऩे के लिए कहा गया। यदि सरकार और सेना के इस एक्शन के बारे में महबूबा और उमर जैसे नेताओं को पहले बता दिया जाता तो ये नेता सीमा पर हमारे सुरक्षा बलों पर पत्थर फिकवाते। तब पाक सेना के टटू नहीं मारे जाते। अब तक महबूबा और उमर आतंकियों और पत्थरबाजों के साथ खड़े रहे हैं। देश की आजादी के बाद पहला मौका रहा जब महबूबा और जैसे नेताओं को कश्मीर एक्शन की खबर नहीं लगी। असल में महबूबा और उमर जैसे नेताओं के चेहरे पर से नकाब उतर गया है। अब इन नेताओं का असली चेहरा सामने आ गया है। इन नेताओं को अपने देश की नहीं बल्कि पाकिस्तान की ज्यादा चिंता है। अब महबूबा और उमर जैसे नेताओं को कश्मीर के लोगों के बजाए स्वयं के राजनीतिक भविष्य की चिंता करनी चाहिए। कश्मीर में आतंक का डर दिखा कर इन नेताओं ने बहुत मजे कर लिए है। 70 वर्ष में सर्वाधिक शासन अब्दुल्ला परिवार ने किया है, जबकि महबूबा का खानदान दूसरे नम्बर पर है। 
35 ए के नियम घातक:
इन दिनों मीडिया में 35ए के नियमों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इस नियम की वजह से सफाई कर्मी का परिवार जिन्दगी भर सफाई कर्मी ही रहेगा और अब्दुल्ला का परिवार जिन्दगी भर मुख्यमंत्री रहेगा। शेख अब्दुल्ला के बाद पुत्र फारुख अब्दुल्ला और पोता उमर अब्दुल्ला सीएम पद पर विराजमान हुए। यही स्थिति मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी पुत्री महबूबा मुफ्ती की है। सवाल उठता है कि सत्ता का सुख भोगने वाले इन नेताओं ने कश्मीर के सफाई कर्मी की चिंता क्यों नहीं की? उसे जिन्दगी भर सफाई कर्मी ही क्यों रहने दिया जा रहा है। कश्मीर का लड़का बाहर शादी करेगा तो उसके बच्चों को कश्मीर में अधिकार मिल जाएंगे, लेकिन यदि कश्मीर की लड़की राजस्थान के लड़के से निकाह करेगी तो उसके बच्चों को कश्मीर में अधिकार नहीं मिलेंगे। उमर और महबूबा जैसे नेता बताएं कि कश्मीर के लड़के-लड़कियों में यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है? क्या ऐसा भेदभाव करने वाला नियम 35ए हटना नहीं चाहिए?
पठान को कश्मीर छोडऩे के आदेश:
भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान को भी अब कश्मीर छोडऩे के आदेश दिए गए हैं। पठान जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम के मेंटर की भूमिका निभा रहे हैं और इन दिनों उनका निवास कश्मीर में ही बना हुआ है, लेकिन ताजा हालातों को देखते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने पठान को कश्मीर से चले जाने के आदेश दिए हैं।
एस.पी.मित्तल


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...