उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रामाधीन सिंह इंटर कालेज की आंड़ में हिस्ट्रीशीटर भूमाफिया द्वारा किये गए अवैध कब्जों-अवैध निर्माणों के विरुद्ध दर्ज कराई गई शिकायत पर-
संजय आजाद की कलम से
लखनऊ । राज्य मानव अधिकार आयोग, लखनऊ ने लिया संज्ञान, जिलाधिकारी लखनऊ ने सौंपी जांच रिपोर्ट ! कलेक्टर साहब ने 500 करोड़ रुपये की नजूल भूमि को बचाने के वास्ते रिपोर्ट लगाई या फिर भ्रष्टाचारियों को बचाने में अपनी कलम फंसाई?संजय आजाद ने दिनांक 05 अगस्त को सायंकाल मानव अधिकार आयोग उत्तर प्रदेश लखनऊ में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त कराये गये आवेदन पत्र के क्रम में आयोग द्वारा चाहे गए रूपये 22/- नकद जमा कर दिये। बताते चलें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने हमारी उक्त शिकायत का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य मानव अधिकार को संदर्भित कर दिया था जिसपर आयोग ने जिलाधिकारी लखनऊ से जांच आख्या तलब कर गत 6 सप्ताह के भीतर मांगी थी। आयोग से संपर्क करने पर जानकारी दी गई कि जिलाधिकारी लखनऊ की जांच रिपोर्ट आ चुकी है जिसे मुझ शिकायतकर्ता को ऐसे नहीं दिखाई जा सकती। जिलाधिकारी लखनऊ की 11 पेज की जांच आख्या के क्रम में मेरे द्वारा रूपये 22/- आज जमा कर दिया गया है। अब देखना होगा कि राजधानी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा साहब ने दबंग हिस्ट्रीशीटर भूमाफिया प्रबंधक द्वारा अपनी दबंगई के बल पर कालेज की आंड़ में लखनऊ विकास प्राधिकरण से सांठगांठ कर हथियाई गई लगभग 500 करोड़ रूपये की नजूल भूमि को बचाने के दृष्टिगत ईमानदारी से अपनी कलम चलाई है या फिर भ्रष्टाचारियों के बचाव में अपनी कलम फंसाई है?
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