नई दिल्ली -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को निर्देश दिया कि वे ऐसे दावे करें जो पूरे हो सकें और मंत्रालयों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने मीडिया और सार्वजनिक तौर पर गैरजरूरी टिप्पणियों का हवाला दिया और मंत्रियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वे केवल तथ्यों को बताएं या ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें। मंत्रिपरिषद की बैठक में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से जम्मू-कश्मीर के लिए योजनाओं और परियोजनाओं पर काम करने को कहा। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर के लिए करोड़ों रुपये के पैकेज का ऐलान किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से यह भी कहा कि वे अपने संबंधित मंत्रालयों में या विभागों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। शासन की 'गति' और 'दिशा' में सुधार करने के लिए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि उनका संवाद अपने मंत्रालयों के सचिवों जैसे शीर्ष अधिकारियों तक सीमित नहीं होना चाहिए। उनका संवाद पदक्रम में अपेक्षाकृत निचले स्तर के अधिकारियों, जैसे- संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों से भी होना चाहिए ताकि इन अधिकारियों को लगे कि वे भी टीम का हिस्सा हैं।
समय पर दफ्तर न पहुंचने वाले मंत्रियों को दिया सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मंत्रियों को अधिकारियों को प्रोत्साहित और उत्साहित करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को सुबह साढ़े 9 बजे तक दफ्तर पहुंच जाना चाहिए और कुछ मंत्रियों को उनके निर्देश पर ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें यह करना चाहिए। मोदी ने कहा कि उन्होंने कई बार अपने कैबिनेट सहयोगियों को अनुशासन, समय की पाबंदी और काम करने की प्रतिबद्धता के संदर्भ में नेतृत्व करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि शीर्ष मंत्री वक्त की पाबंदी करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव उनके संबंधित मंत्रालयों की रचनात्मकता और दक्षता पर और समूची सरकार के कामकाज पर भी पड़ेगा।
'जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए योजनाओं पर काम करें मंत्री'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विकास की पहलों पर जोर देते हुए बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों से क्षेत्र के लिए योजनाओं और परियोजनाओं पर काम करने के लिए कहा। मोदी ने इसके साथ ही राज्य के उन अधिकारियों और छात्रों के साथ संवाद कायम करने का भी आह्वान किया जो वर्तमान समय में देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।
मंत्रिपरिषद की बैठक में शाह ने दिया जम्मू-कश्मीर पर प्रेजेंटेशन
सूत्रों ने कहा कि मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के कदम के बारे में देर तक बोले। उन्होंने बताया, शाह ने कहा कि घाटी में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। घाटी में कई स्थानों पर सुरक्षा एवं संचार पाबंदियां हैं। उन्होंने पाबंदियों का बचाव करते हुए कहा कि यह व्यापक हित के लिए है। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि संचार और लोगों की आवाजाही पर पूर्ण रोक नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के लिए करोड़ों के पैकेज का हो सकता है ऐलान
शाह ने कहा कि पाबंदियां केवल कुछ स्थानों पर लागू हैं जहां सुरक्षा को खतरा है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके द्वारा हाल में घोषित सुधार के उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ये कदम उठाने से पहले सभी हितधारकों से मशविरा किया है। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा इस महीने के शुरू में समाप्त किए जाने के बाद सरकार राज्य में 100 से अधिक केंद्रीय कानून लागू करने के वास्ते जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार करने को जल्द ही करोड़ों रुपये के पैकेज ला सकती है। सूत्रों ने कहा कि हालांकि विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर आधारित पैकेज वास्तव में कितनी राशि का होगा इसकी अभी गणना की जानी है। प्रस्ताव जल्द ही व्यय वित्तपोषण समिति को भेजा जाएगा और घोषणा किए जाने से पहले इसकी केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जांच-पड़ताल की जाएगी।
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