नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर से अलग होने के बाद लद्दाख में जश्न मनाया जा रहा है। लेह में स्थानीय नेताओं, बौद्ध गुरू के साथ हजारों की संख्या में लोग जमा हुए हैं और तिरंगे के नीचे आजादी का जश्न मना रहे हैं। इसके साथ नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और संगीत समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है। मुनिल इस्लाम के अध्यक्ष डॉ.अब्दुल कयूम ने कहा कि कश्मीर ने हमेशा लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार किया है।हमने कश्मीर से आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। उम्मीद नहीं थी कि मोदी जी ये तोहफा देंगे। मोदी को धन्यवाद देने के लिए आज हम जश्न मना रहे हैं। भारत को आजादी 1947 में, लेकिन लद्दाख को आजादी 5 अगस्त, 2019 को मिली।
जम्मू-कश्मीर से अलग होने के बाद लद्दाख में जश्न मनाया जा रहा है। लेह में स्थानीय नेताओं, बौद्ध गुरू के साथ हजारों की संख्या में लोग जमा हुए हैं और तिरंगे के नीचे आजादी का जश्न मना रहे हैं। इसके साथ नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और संगीत समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है। मुनिल इस्लाम के अध्यक्ष डॉ.अब्दुल कयूम ने कहा कि कश्मीर ने हमेशा लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार किया है। हमने कश्मीर से आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। उम्मीद नहीं थी कि मोदी जी ये तोहफा देंगे। मोदी को धन्यवाद देने के लिए आज हम जश्न मना रहे हैं। भारत को आजादी 1947 में, लेकिन लद्दाख को आजादी 5 अगस्त, 2019 को मिली।
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