रविवार, 11 अगस्त 2019

कूटनीति के तहत बढ़ रही है बसपा

लखनऊ । मायावती ने अपनी पार्टी के संगठन में अचानक कई बदलाव कर दिए हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली को पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है और वहीं लोकसभा में पार्टी के नेता दानिश अली को हटा कर उनके स्थान पर श्याम सिंह यादव को नियुक्त किया है। रितेश पाण्डेय को लोकसभा में उप नेता बनाया गया है जबकि गिरीश चन्द्र जाटव पार्टी के ''मुख्य सचेतक'' बने रहेंगे। बसपा के इस फेरबदल में एक चौंकाने वाला फैसला किया गया है। दानिश अली जो अब तक लोकसभा में पार्टी के नेता थे उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। यही नहीं उन्हें कोई भी नई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च 2019 में जनता दल (एस) के महासचिव दानिश अली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए थे। पार्टी के इस कदम के बाद दानिश अली के भविष्य को लेकर कई तरह के अटकलें लगने लगी हैं। कहा जा रहा है कि मायावती ने अपने इस कदम से दानिश अली को कड़ा संदेश देने की कोशिश की है। हालांकि मायावती ने ऐसा क्यों किया, इस पर कोई कुछ भी खुलकर नहीं कह पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले का बसपा ने समर्थन किया था। पर दानिश अली पार्टी से अलग राय रख रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा में वोटिंग के दौरान दानिश अली ने वॉकआउट किया था। पार्टी को यह बात नागवार गुजरी। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि कर्नाटक के एक मात्र बसपा विधायक को दानिश अली साथ नहीं रख पाए और बहुमत परिक्षण के दौरान वह अनुपस्थित रहा जिससे भाजपा को मदद मिली। दानिश अली कर्नाटक की राजनीति में अच्छी पकड़ रखते हैं।


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