राकेश पाण्डेय
नई दिल्ली ! पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत का लोकतंत्र न तो ब्रिटेन की गिफ्ट है और न ही एक्सीडेंटल है, यह हिंदुस्तान की आवाम की ताकत है। यह बात मुखर्जी ने राजस्थान विधानसभा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान चैप्टर की ओर से आयोजित उद्घाटन समारोह के दौरान कही।
मुखर्जी ने कहा कि भारत की संसदीय यात्रा तीन चरणों से गुजरी है। 1952 से 57 तक का शुरुआती फेज रहा है। इस चरण में भारत संवैधानिक और भौगोलिक रूप से मजबूत हुआ। 1967 से 1989 के बीच लोकतंत्र ने कई रूप देखे हैं। गठबंधन की सरकार भी बनी है। 2014 के बाद से फिर से मतदाताओं का रुझान नेशनल पार्टियों की ओर बढ़ा और फिर दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार आई है।
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