रायपुर। छानबीन समिति के फैसले के खिलाफ अजीत जोगी फिर से हाईकोर्ट जायेंगे। रिपोर्ट मिलते ही जोगी ने समिति के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है। अमित जोगी खुद बिलासपुर में हैं। तैयारी यही है कि फैसले की कॉपी जैसे ही जोगी परिवार को मिलेगी, वो याचिका दायर करेंगे। अमित जोगी ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसे फैसले की ही उम्मीद थी, देर शाम जो फैसला आया है, उससे उन्हें थोड़ी भी हैरानी नहीं हुई है।
अमित जोगी ने छानबीन समिति पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार के इशारे पर पूरी रिपोर्ट तैयार की गयी है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान उनके पिता अजीत जोगी ने ग्राम सभा का अनुमोदन, हाईकोर्ट का फैसला, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी प्रस्तुत किया था, लेकिन उन सभी फैसले को रिकार्ड में लेने से कमेटी ने इनकार कर दिया, इससे साफ जाहिर होता है कि कमेटी ने पहले से ही मन बना लिया था कि किस तरह का रिपोर्ट दिया जाना है।इससे पहले सोमवार को अजीत जोगी की जाति छानबीन समिति ने निरस्त कर दी थी। 20 अगस्त को अजीत जोगी छानबीन समिति के सामने पेश हुए थे और अपना पक्ष रखा था, उसके बाद छानबीन समिति ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। छानबीन समिति ने अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है। लिहाजा अब अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ गयी है। इससे पहले रमन सिंह के कार्यकाल के वक्त में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर छानबीन समिति बनी थी। रीना बाबा साहब कंगाले के नेतृत्व में बनी कमेटी को तब पूर्व मुख्यमत्री अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दे दी थी कि रीना बाबा कंगाले की कमेटी कोरम नहीं पूरा करती । रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था।
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