शनिवार, 31 अगस्त 2019

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग में खुला भ्रष्टाचार

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग का खुला भ्रष्टाचार


अविनाश श्रीवास्तव


गाजियाबाद। प्रदेश की भाजपा सरकार मे भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच चुका है। अधिकारियों के द्वारा विभागों में खुली लूट,अवैध व्यापार के साथ खुला भ्रष्टाचार कर दिया गया है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किए गए लूट और भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है। गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग स्पष्ट तौर पर अवैध व्यापार कर रहा है। जिसके विरुद्ध अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार नोडल अधिकारी अपर चिकित्सा अधीक्षक आरबी सुमन के नेतृत्व में झोलाछाप, फर्जी चिकित्सकों को शासन एवं चिकित्सा अधिनियम के अनुरूप विभागीय नोटिस जारी किए गए। जिसमें झोलाछाप चिकित्सकों को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का हवाला दिया गया। लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। अपर चिकित्सा अधीक्षक आरबी सुमन एवं सहयोगी टीम के द्वारा झोलाछाप चिकित्सकों से नोटिस के एवज में ₹5000 से ₹15000 प्रति चिकित्सक धन वसूला जा रहा है। नोटिस में वर्णित अधिनियम अनुरूप झोलाछाप चिकित्सकों से एक शपथ पत्र लिया जा रहा है। जिसमें भविष्य में परीक्षण न करने और करते पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई संबंधित विषय अंकित है। चिकित्सक इतने भयभीत हो गए हैं कि वे स्वयं शपथ पत्र पर यह प्रतिपादित कर विभाग को रुपयों के साथ दे रहे हैं। जिससे उनका परीक्षण करना समझ-बूझ कर अपराध करने के बराबर है। जबकि यह संपूर्ण प्रक्रिया स्वास्थ विभाग के द्वारा लागू की गई है। जिससे इस अपराध की षड्यंत्र रचना अपर चिकित्सा अधीक्षक आरबी सुमन के द्वारा की गई है। ऐसा नहीं है कि यह षड्यंत्र रचना एक सामान्य रचना है, यदि आप सामान्य तौर पर अनुमान लगाएं तो स्पष्ट होता है कि जनपद में 5000 से अधिक झोलाछाप चिकित्सक परीक्षण कर रहे हैं। जिनको नोटिस जारी करने के बाद स्वास्थ्य विभाग में बैठे अधिकारी स्पष्ट रूप से लूट कर रहे हैं या खुला भ्रष्टाचार कर रहे हैं। झोलाछाप चिकित्सक विभाग के अवैध व्यापार का साधन बन चुके हैं। जिसके अंतर्गत विभाग के द्वारा 5 करोड से भी अधिक अवैध वसूली का अनुमान है। इस पूरे प्रकरण की ठीक-ठीक सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नहीं है। परंतु यह सब उन्हीं के कार्यालय में किया जा रहा है। अभी तक किसी प्रकार की कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है। अपर चिकित्सा अधीक्षक आरबी सुमन के द्वारा जो नोटिस जारी किए गए हैं। उनमें किसी प्रकार का कोई पत्र क्रमांक अथवा सीरीज नहीं है। जिससे इस अवैध व्यापार की पोल खुलती है। शासन-प्रशासन को स्वास्थ विभाग के द्वारा किए जा रहे इस अवैध व्यापार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।


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