नई दिल्ली- राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति (एनआरईपी), 2019 को लागू करने की गति को देखते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जनता की टिप्पणियां आमंत्रित करने की समय सीमा एक महीने के लिए बढ़ाकर 24 सितंबर 2019 कर दी है।
मंत्रालय ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए मसौदा नीति के आसान और व्यवस्थित कार्यान्वयन के लिए इस समय सीमा को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। इससे पहले मंत्रालय ने 25 जुलाई 2019 को रक्षा संसाधन दक्षता नीति, 2019 का मसौदा जारी कर सार्वजनिक-निजी संगठनों, विशेषज्ञों और संबद्ध नागरिकों सहित साझेदारों से मसौदा नीति के बारे में टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए थे।
राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति (एनआरईपी) के मसौदे में पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल निरंतर और उचित आर्थिक विकास, संसाधन सुरक्षा, स्वस्थ वातावरण (वायु, जल और भूमि) और समृद्ध पारिस्थितिकी तथा जैव विविधता के साथ पुन: स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र के भविष्य की कल्पना की गई है। राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति का मसौदा (i) दीर्घकालिक विकास लक्ष्य को हासिल करने और भूमंडलीय सीमाओं के भीतर रहने की बात को ध्यान में रखकर प्राथमिक संसाधनों के उपभोग में 'वहनीय' स्तरों तक कटौती, (ii) संसाधन दक्षता और संसाधनों के निरंतर उपयोग के जरिए कम वस्तुओं के साथ उच्च मूल्य तैयार करना (iii) कचरे को न्यूनतम करने (iv) वस्तुओं की सुरक्षा, और रोजगार के अवसर तथा पर्यावरण संरक्षण और उसे बहाल करने के लिए लाभकारी बिजनेस मॉडल से निर्देशित है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.