शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

एक देश,एक सविंधान (सपांदकीय)


एक देश, एक संविधान के बाद एक कानून के लिए तैयार रहें देशवासी। 
पाकिस्तान को अपने हाल पर छोड़ दिया नरेन्द्र मोदी ने। 
छोटे परिवार पर कांग्रेस नेता चिदम्बरम का समर्थन मिला। 
 जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ था। प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर सेनाध्यक्ष  बाजवा तक युद्ध की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में उम्मीद थी कि स्वाधीनता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को लाल किले से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान को जवाब देंगे। लेकिन सवा घंटे के भाषाण में मोदी ने एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। मोदी की यह नीति वाकई काबिले तारीफ है, क्योंकि कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत को जो करना चाहिए था वो कर दिया। अब पाकिस्तान अपने जख्मों  को लेकर दुनियाभर में घूमता फिरे। भारत पर हमले की हिम्मत फिलहाल पाकिस्तान में नहीं है, इसलिए वह चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र संघ का दरवाजा खटखटा रहा है। आजादी के बाद यह पहला मौका है कि कश्मीर मुद्दे पर भारत हमलावर हुआ है। अलबत्ता नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से यह संकेत दे दिया है कि अब देश को एक कानून के लिए तैयार रहना चाहिए। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद एक देश, एक संविधान की मांग तो पूरी हो गई है, लेकिन अभी एक देश, एक कानून की मांग बाकी है। इस मांग को पूरा करने के लिए ही मोदी ने कहा कि छोटा परिवार रखना भी देशभक्ति है। यानि जो लोग बड़ा परिवार रखते हैं उनकी देशभक्ति पर सवालिया निशान लग सकता है। देश में यह बात पहले भी उठी है कि बढ़ती आबादी देश के संसाधनों को कम कर देती है। ऐसा नहीं कि देश में कृषि उत्पादन कम हुआ है, या फिर विकास के काम नहीं हुए, लेकिन लगातार बढ़ती आदि के कारण सब सुविधाएं कम पड़ जाती है। चूंकि आबादी को लेकर भी देश में अलग-अलग कानून बने हुए हें, इसलिए समाज में भेदभाव होता है। एक वर्ग को लगता है कि देश के कानून का पालन करने की जिम्मेदारी सिर्फ उसी पर क्यों है? क्या देश का कानून सब पर लागू नहीं होना चाहिए? दुनिया में संभवत: भारत ही ऐसा मुल्क होगा, जहां नागरिकों के लिए अलग अलग कानून है। सब जानते हैं कि छोटा परिवार खुशहाली का प्रतीक होता है तो फिर अधिक बच्चे क्यों पैदा किए जाते हैं? देश में लम्बे अर्से से बहस चल रही है कि हमारी सेना एकजुट होनी चाहिए। फिलहाल सेना जल, थल और वायु में विभाजित है। तीनों सेनाओं के अलग-अलग सेनाध्यक्ष है, ऐसे में कई बार तालमेल में मुश्किल होती है। 15 अगस्त को नरेन्द्र मोदी ने इस मांग को भी पूरा कर दिया। अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। मोदी ने कहा कि इससे जहां सेना में एकरूपता आएगी, वहीं सेना का एक साथ विकास भी होगा। सैनिकों को सभी सुविधाएं समान रूप से मिलेंगी। एक संविधान, एक कानून, एक झंडा एक सेना होने से देश कितना मजबूत होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 
चिदम्बरम का समर्थन:
15 अगस्त को मोदी ने छोटे परिवार का जो प्रस्ताव रखा उसका समर्थन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने भी किया है। चिदम्बरम ने एक समारोह में कहा कि छोटा परिवार आज भारत की जरूरत है। प्रधानमंत्री के इस आह्वन का समर्थन किया जाना चाहिए। 
एस.पी.मित्तल


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