कानपुर के बालगृह अधीक्षक समेत तीन निलंबित
कानपुर । राजकीय बालगृह (बालक) कल्याणपुर में 15 वर्षीय किशोर की मौत के मामले में आत्महत्या की बात छिपाना अधीक्षक समेत तीन कर्मियों को भारी पड़ गया। शासन ने अधीक्षक, केयरटेकर और चतुर्थश्रेणी कर्मचारी को निलंबित कर दिया। इस संबंध में महिला कल्याण विभाग की निदेशक आरती श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर दिया है। अब एक संविदाकर्मी की बर्खास्तगी की तैयारी है।
असोम के पार्वतीपुर का निवासी 15 वर्षीय किशोर बीते मार्च में सेंट्रल स्टेशन पर चाइल्ड लाइन को मिला था। चाइल्ड लाइन ने उसे बालगृह भेज दिया था, तबसे वह यहीं रह रहा था। शनिवार भोर में 3:12 बजे पर उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसे फंदे से उतारकर कर्मचारी एलएलआर अस्पताल (हैलट) ले गए थे। वहां चिकित्सकों से उसे मृत घोषित कर दिया था। चिकित्सकों ने उसी समय बता दिया था कि मौत हैं¨गग की वजह से हुई है, लेकिन कर्मचारियों ने इसे नकार दिया था और स्लीपर से गिरने की रट लगाए थे। डीएम, मजिस्ट्रेट और शासन को भेजी रिपोर्ट में भी उन्हांेने स्लीपर से गिरने की वजह से मौत होना दर्शाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी बताए जाने के बाद भी वह मामले में झूठ बोलते रहे।जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार के मुताबिक अधीक्षक कपूरचंद्र वर्मा, केयरटेकर बृजेंद्र दीक्षित, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अशोक कुमार को निदेशक महिला कल्याण ने निलंबित कर दिया है। संविदाकर्मी को कार्य में लापरवाही बरतने के लिए बर्खास्त किया जाएगा।
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