रानू मंडल ने ये साबित कर दिया की जिनके पास परिस्थिति अनुकूल न भी वो फिर भी वह इन्सान अपनी काबिलियत के बल पर शिखर छू सकता है। आज की परिस्थिति में धन दोलत रूप-रंग नहीं व्यक्ति का हुनर साथ देता है। भीख मांग कर गुजार कर रही रानू मंडल आज हर व्यक्ति के लिए ज्ञान का दर्पण बन गयी। क्योंकि परिस्थिति कितनी ही अनुकूल क्यों न हो, हमें कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। अपनें हुनर को दिखाने के लिए आधुनिक मंच ओर अभ्यास की अवशयकता नहीं बल्कि आत्मा विश्वास ओर हिम्मत की जरूरत है। मैं कोटि कोटि नमन करती हूँ उस इन्सान की जिन्हेंने रानू मंडल की हूनर को मीडिया के सामने लाया ओर उसका जीवन बदल दिया। आज प्रतिस्पर्धा का दौर है परन्तु जो काबिल हैं। उन्हें आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। इसलिए वो पिछड़े हुए हैं, ऐसे लोगों को सामने लाने की आवश्यकता है।
समाज की एक शिक्षिका गंगा शरण पासी
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