गुरुवार, 29 अगस्त 2019

आख़िर, डर किसका है? ( संपादकीय)

तो क्या पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण से भारत डर जाएगा? 
31 अगस्त तक बंद हैं एयर स्पेस। 

28 अगस्त को जब पाकिस्तान ने सम्पूर्ण एयर स्पेस बंद करने की घोषणा की थी, तभी यह आशंका हो गई थी कि पाकिस्तान कुछ न कुछ हरकत करेगा। 29 अगस्त को दोपहर में मीडिया में खबरें आई कि पाकिस्तान ने 28 अगस्त की रात को बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। पाकिस्तान का दावा है कि 290 किलोमीटर तक जाने वाली यह मिसाइल अपने साथ 700 किलो विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है। यानि यह मिसाइल जिस स्थान पर गिरेगी वहां 700 किलो विस्फोटक सामग्री का विस्फोट होगा। चूंकि मिसाइल का परीक्षण सफल रहा, इसलिए वैज्ञानिकों की टीम को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक ने बधाई दी है। साफ जाहिर है कि पाकिस्तान की ओर से यह कार्यवाही भारत को डराने और दुनिया खासकर मुस्लिम देशों पर दबाव बनाने के लिए की गई है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के बाद से ही पाकिस्तान, भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है। चूंकि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिमला, इसलिए अब आए दिन युद्ध की धमकी दी जा रही है। पाकिस्तान को लगता है कि हमला कर जम्मू कश्मीर हासिल कर लिया जाएगा। हालांकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो परमाणु हमले की धमकी दी थी, लेकिन फिलहाल पाकिस्तान अपने ही देश में मिसाइल परीक्षण कर रहा है। यह बात अलग है कि भारत के पास 290 किलोमीटर से भी अधिक दूर तक जाने वाली मिसाइल तैयार है और भारत के पास एंटी मिसाइल तकनीक भी है। यानि पाकिस्तान की मिसाइल को हवा में ही नष्ट किया जा सकता है। सवाल उठता है कि क्या भारत-पाकिस्तान से डर जाएगा? 370 को बेअसर करने से पहले ही भारत ने हर परिस्थितियों पर विचार कर लिया था। भारत को पाकिस्तान की बौखलाहट के बारे में भी पता था। भारत ने पूरी तैयारी से 370 को बेअसर किया है। इसे सरकार और हमारे सुरक्षा बलों की समझदारी ही कहा जाएगा कि पांच अगस्त से पहले पूरा जम्मू कश्मीर आतंक की चपेट में था, लेकिन अब सिर्फ कश्मीर घाटी के पांच सात जिले ही आतंक ग्रस्त माने जा रहे हैं। अब सम्पूर्ण जम्मू और लद्दाख में हालात सामान्य है। यानि सरकार ने कम से कम जम्मू और लद्दाख को तो आतंक मुक्त कर भारत का कानून लागू कर दिया है। जहां तक कश्मीर घाटी का सवाल है तो अभी मात्र 23 दिन गुजरे हैं। सरकार के पास एक साल की रणनीति है। पत्थर फेंकने वाले कश्मीरियों को जब रोजगार मिलेगा तो घाटी में भी हालात सामान्य हो जाएंगे। पाकिस्तान कश्मीर के हालातों को लेकर चाहेे जो प्रोपेगंडा करे, लेकिन पिछले 23 दिन में सुरक्षा बलों को घाटी में गोली चलाने की जरूरत नहीं हुई है। अब मस्जिदों से जेहाद के नारों के बजाए शांति और अमन की अपील होती है। असल में पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर में बैठे पाकिस्तान परस्त नेता महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला आदि को उम्मीद थी कि अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के बाद जम्मू कश्मीर में आग लग जाएगी, लेकिन दोनों के ही मंसूबे पूरे नहीं हुए। पाकिस्तान को अब उसके कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद के छीनने का भी डर हो गया है। इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान में लगातार आक्रोश बढ़ता जा हा है। चूंकि पाकिस्तान ने 31 अगस्त तक एयर स्पेस पर रोक लगाई है, इसलिए उम्मीद है कि और मिसाइलों का परीक्षण होगा। देखना है कि पाकिस्तान इन हरकतों का अमरीका, रूस, चीन जैसे देशों में क्या असर पड़ता है। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत मुस्लिम देशों का भारत के साथ खड़ा होना है। पाकिस्तान एक ओर कश्मीर से मुसलमानों की दुहाई दे रहा है तो दूसरी ओर एक भी मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ नहीं है। उल्टे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूएई में सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल


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